अध्यात्म

माता के इस दरबार में भक्तों के खुल जाते हैं बंद किस्मत के ताले, हर मुराद हो जाती है पूरी

देशभर के कोने-कोने में आपको किसी ना किसी देवी-देवता का मंदिर अवश्य देखने को मिल जायेगा, हमारे देश के लोगों को आस्था पर अटूट विश्वास है, इन मंदिरों के रहस्य, विशेषताएं और कहानियों को जानकर लोग अक्सर मंदिरों में भगवान के दर्शन करने जाते हैं, जिससे उनकी आस्था और अधिक मजबूत हो जाती है, आप भी ऐसे बहुत से मंदिरों में दर्शन करने के लिए गए होंगे जिनके चमत्कार के आगे आपने अपना शीश झुकाया होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसके बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर जो भक्त दर्शन करने के लिए जाता है उसकी सोई हुई किस्मत खुल जाती है, इतना ही नहीं बल्कि इस मंदिर की एक खास विशेषता बताई जाती है, आमतौर पर भगवान को भोग, फल-फूल अर्पित किया जाता है परंतु यहां पर भक्त ताला-चाबी चढ़ाते हैं।

 

हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह मंदिर शिव की नगरी वाराणसी में स्थित है, जिसको “बंदी देवी का मंदिर” कहा जाता है, यह दशाश्वमेध घाट पर बना हुआ है, इस मंदिर के प्रति भक्तों के अंदर गहरी आस्था देखने को मिलती है, यहां पर रोजाना भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, ऐसा बताया जाता है कि जो भक्त अपनी सच्ची श्रद्धा और सच्चे मन से लगातार 41 दिनों तक माता रानी से अपनी मुराद पूरी करने की मनोकामना मांगता है तो उसकी सभी इच्छाएं माता रानी के दरबार में पूरी हो जाती है।

माता के दरबार में कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों का भी समाधान होता है, ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों के ऊपर कोर्ट कचहरी जैसे मामले चल रहे हैं, यदि वह यहां पर माता के दरबार में चढ़ावा चढ़ाता है तो उसको कोर्ट कचहरी में सफलता हासिल होती है, माता रानी अपने भक्तों की सभी समस्याओं को दूर करती है, माता रानी के दरबार में भक्त इनको प्रसन्न करने के लिए ताला-चाबी अर्पित करते हैं, मान्यता अनुसार जो भक्त यहां पर आकर ताला-चाबी चढ़ाता है उसको सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है, घर परिवार की सभी परेशानियां दूर हो जाती है, यदि कोई जेल में बंद है तो इस समस्या का भी समाधान हो जाता है, भूत-प्रेत जैसी बाधाएं भी दूर होती है।

बंदी माता मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यहां पर देवी मां भगवान विष्णु जी की आज्ञा से वास करती है, इनको पाताल देवी भी कहा जाता है, एक बार जब अहिरावण ने भगवान श्री राम जी और लक्ष्मण का अपहरण किया था तब बंदी देवी की मदद से भगवान राम और लक्ष्मण को कैद से मुक्ति मिली थी, उसी समय से माता को बंदी देवी के नाम से जानते हैं, दूर-दराज से लोग यहां पर अपने जीवन की परेशानियां लेकर आते हैं और सच्चे मन से माता से प्रार्थना करते ,हैं माता रानी भी अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं लौटने देती हैं।

इस मंदिर के महंत का ऐसा कहना है कि माता रानी भक्तों को सभी बंधन से मुक्त करवाती है, यहां पर जो भक्त आता है उसका कल्याण हो जाता है, माता रानी सभी लोगों के दुखों को हरती चली जा रही हैं, यहां पर सच्चे मन से मांगी गई मुराद माता रानी अवश्य पूरी करती है और भक्तों का बेड़ा पार होता है।

Back to top button