समाचार

‘अम्फान’ तूफान ने लिया विकराल रूप, गंभीरता को देखते हुए PM मोदी ने की गृह मंत्रालय के साथ बैठक

चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ को लेकर गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने सोमवार को बैठक की है, जो कि शाम चार बजे शुरू हुई है। इस बैठक में इस तूफान से कैसे बचा जाए, इसपर चर्चा की गई है। दरअसल चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने सुपर साइक्लोन का रुप धारण कर लिया है और ये तूफान काफी खतरनाक हो गया है। ये तूफान 20 मई को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बांग्लादेश देश के तट को पार कर सकता है। इसलिए इस तूफान से बचाव को लेकर हाई लेवल मीटिंग हो रही है।


गृह मंत्रालय की और से पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकारों को दिशा निर्देशा जारी किए गए हैं और इन राज्यों को इस तूफान से सावधान रहने को कहा गया है। मंत्रालय के अनुसार इस तूफान की वजह से इन राज्यों के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है और तेज हवा चल सकती है।

सुपर साइक्लोन का ले लिया है रुप

मौसम विभाग के मुताबिक ‘अम्फान’ सुपर साइक्लोन में बदल चुका है और ये 20 मई को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को पार कर सकता है। भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग की और से दिए गए बयान में कहा गया है कि अम्फान अगले 6 घंटे में सुपर साइक्लोन तूफान में बदल सकता है और इस तूफान के कारण ओडिशा के गजपति, पुरी, गंजाम, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा में भारी बारिश हो सकती है। इस बारिश को लेकर चेतावनी जारी कर दी हई है। वहीं 19 मई को बालासोर, भद्रक, जाजपुर, मयूरभंज, खुर्जा और कटक में बारिश में तेजी हो सकती है।

निकाले जा रहे हैं लोग

इस तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है और करीब 11 लाख लोगों को निकाला जा रहा है। जबकि वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने भी तटीय जिलों पर अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को इन जगहों से निकालकर सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा है।

185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा तूफान

मौसम विभाग के अनुसार ये तूफान 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान काफी भयानक होने वाला है और इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। जो कि 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़ सकती हैं। इस तूफान के दौरान तेज बारिश भी होने वाली है।

आपदा प्रबंधन की टीम की गई तैनात

इस तूफान को देखते हुए तटीय इलाकों में राहत सामग्रियां पहुंचाने का काम किया जा रहा है और विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन बल की टीमों को तैनात कर दिया गया है जो कि लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना के मुताबिक गंजाम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के जिलाधिकारियों से जरूरत पड़ने पर संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इस तूफान से लोगों को बचाने के लिए  12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात शिविरों बनाए गए हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने अनुसार 10 इकाइयों को ओडिशा के विभिन्न जिलों में भेजा गया है। वहीं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों को लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना बनाने का निर्देश दिया है।

एक साल पहले भी आया था तूफान

चक्रवात ‘अम्फान’ इससे पहले भी ओडिशा में कहर बरपा चुका है। ये तूफान एक साल पहले पिछले साल तीन मई को ओडिशा में आया था और इस तूफान से तब 64 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं बिजली,दूरसंचार, पानी एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की अवसंरचना भी पूरी तरह से तबाह हो गए थे। वहीं अब ये तूफान फिर से कहर मचाने आ रहा है।

Back to top button