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कोरोना को खत्म करने के लिए ट्रंप की सलाह, मरीज के शरीर में अल्कोहल और ब्लीच का इंजेक्शन दिया जाये तो..

रिसर्च में कहा गया है कि सूरज की तेज रोशनी में कोरोना 2 मिनट में मर जाता है और अल्कोहल से 30 सेकेंड में

दुनिया में कोरोना कहर के चलते कई देश इससे प्रभावित हो चुके हैं। अमेरिका में भी कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक लगभग 50 हजार लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं लाखों लोग कोरोना से संक्रमित हैं। अमेरिका भी बाकी देशों की तरह जल्द से जल्द कोरोना को खत्म करने का उपाय सोच रहा है। कुछ दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोनावायरस टास्क फोर्स ने एक प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें ये जानकारी दी गई थी कि कोरोना वायरस सूरज की रोशनी में सिर्फ 2 मिनट जिंदा रह सकता है। टास्क फोर्स की इसी बात के आधार पर राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ा ही अजीबोगरीब सलाह दी है।

ट्रंप ने दी अजीब सलाह

टास्क फोर्स के प्रेजेंटेशन के आधार पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि मैं चाहता हूं कि आप डॉक्टरों से बात करें और पता करें कि क्या किसी तरह से रोशनी और गर्मी का इस्तेमाल कर इसका इलाज हो सकता है ? अमेरिकी राष्ट्रपति सिर्फ यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने ये सलाह तक दे डाली कि कोरोना मरीजों के शरीर में ब्लीच और आइसोप्रोपिल एल्कोहल जैसे क्लिंजर का इंजेक्शन दिया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के टेक्नोलॉजी डॉयरेक्टोरेट के प्रमुख बिल ब्रायन ने इस बात की जानकारी दी थी। उनका कहना था कि ब्लीच और आइसोप्रोपिल अल्कोहल से कोरोना वायरस 5 मिनट में मर जाता है वहीं अल्कोहल से 30 सेकेंड में ही इसकी मौत हो जाती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति इस रिसर्च के परिणामों से काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि हम शरीर में काफी मात्रा में अल्ट्रावॉयेलट या तेज शक्ति के साथ रोशनी को डालें तो परिणाम मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा त्वचा या किसी और तरीके से किया जा सकता है। ये काफी दिलचस्प भी लग रहा है। ट्रंप ने कहा कि ऐसा इंजेक्शन के जरिए भी इंसानों में डाल सकते हैं। हालांकि उन्होंने बिल ब्रायन से कहा कि आप इसकी जांच करें।

कंपनी ने सुझाव को बताया खतरनाक

बता दें कि ट्रंप के इस अजीबोगरीब सझाव पर कीटाणुनाशक कंपनी LYSOL ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि भूलकर भी उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी शरीर में कीटाणुनाशक इंजेक्शन से कोरोना खत्म करने की कोशिश करेंगे तो आपको इसके उल्टे परिणाम झेलने पड़ेंगे। कंपनी ने साफ तौर पर कहा कि ये कीटाणुनाशक उत्पाद मानव शरीर के अंदर डालने के लिए नहीं बनाए गए हैं और अगर ऐसा करने की गलती आप करते हैं तो आपको खतरनाक परिणाम भूगतने पड़ेंगे।

क्या है रिसर्च?

गौरतलब है कि एक रिसर्च में ये पाया गया है कि सूरज की तेज किरणें कोरोना वायरस को मार देती है। साथ ही अगर तापमान और ह्यूमिडिटी अगर ज्यादा हो तो वायरस का जीवन आधा हो जाता है और शक्ति भी खत्म हो जाती है। बिल ब्रायन ने कहा कि ये हमारा अभी तक का सबसे खास अध्य्यन रहा है। सूरज की रोशनी में वायरस सतह और हवा पर भी नहीं टिकता और खत्म हो जाता है।

अब ट्रंप ने इस सलाह पर अध्य्यन करने को कहा है। उनका कहना है कि क्यों ना अल्ट्रावायलेट प्रकाश से मरीजों के शरीर में इसे रेडिएट किया जाए? वहीं दूसरा सुझाव देते हुए उन्होंने ये कहा कि अगर कीटाणुनाशक को शरीर में डालने से कोरोना का इलाज हो सकता है तो इसकी भी कोशिश करना सही रहेगा। हालांकि कंपनी ने साफ तौर पर इस सुझाव को खारिज कर दिया है। अमेरिका में मरने वालों के आंकड़े की बात करें तो ये 50 हजार के पास पहुंच चुकी हैं। वहीं लाखों की संख्या में लोग कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं।

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