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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नेता नकली हिंदू, हनुमान चालीसा भी उन्हें नहीं आती

केजरीवाल ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं सभी भाजपा नेताओं से ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने का विनती करता हूं। यह दिमाग को शांति प्रदान करेगा। केजरीवाल ने आगे भाजपा पर तंज कसते हुए कहा की “वो फ़र्ज़ी हिन्दू हैं सारे, उनको हनुमान चालीसा नहीं आती, उन को भगवत गीता नहीं आती, उन को कुछ नहीं आती, केवल गाली गलोच आती है” । सभी को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए, यह मन को शांत करने में मदद करता है।

केजरीवाल कितना सच बोलते हैं आप इस वीडियो से जान लीजिये

इस हफ्ते की शुरुआत में, AAP ने एक टीवी शो के दौरान केजरीवाल को हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए प्रसारित किया था, जबकि उनकी बेटी हर्षिता केजरीवाल ने सार्वजनिक बयान दिया था कि कैसे उनके पिता ने उन्हें भगवद गीता सिखाई थी। हालांकि की केजरीवाल का यह ड्रामा चुनावी स्टंट से ज़्यादा कुछ नहीं है । हनुमान जी का भक्त होने का नाटक करने वाली केजरीवाल सरकार ने इमामों को वेतन दिया लेकिन मन्दिरों, गुरुद्वारों को कुछ नहीं दिया।

केजरीवाल ने कहा” झूठ फैलाने की उनकी रणनीति काम नहीं करेगी, उन्होंने एक राज्य के मुख्यमंत्री को हराने के लिए 200 सांसदों, 11 सीएम और 70 केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया। लेकिन ऐसे बड़े नेता भी अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं ।।। विपक्ष परेशान और चिंतित है कि अगर काम की राजनीति पूरे देश में फैलती है, तो उनकी धर्म और जाति की राजनीति को खत्म कर दिया जाएगा।

केजरीवाल किस तरह त्रुस्टीकरण की राजनीति करते हैं वो भी देख लीजिये

क्या केजरीवाल बताएँगे की क्या मदरसा या मस्जिद कोई सरकारी संस्थान है? अगर नहीं तो वेतन के लिए क्या मापदंड क्या हैं?
क्या केजरीवाल बताएँगे की यह मदरसा या मस्जिद का राष्ट के विकास के लिए कोई योगदान है ?
मौलवियों को वेतन मिले तो फिर पुजारियों को वेतन क्यों नहीं यह भी केजरीवाल को बताना होगा

कोई भी सरकार जब हिन्दुओं के लिए कुछ भी करता है चाहे वो किसी पुजारीके लिए हो, मंदिर के लिए हो या संस्कृत पाठशाला के लिए हो तो उसे सांप्रदायिक कह दिया जाता है और वही कार्य मुसलमानों के लिए या दूसरे धर्म के लोगों के लिए किया जाए तो सरकार धर्म निरपेक्ष हो जाती है

AAP प्रमुख ने सार्वजनिक बहस के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपनी चुनौती भी दोहराई। “मैंने भाजपा को चुनौती दी थी कि वे अपने सीएम उम्मीदवार की घोषणा करें। दिल्ली के लोग डरे हुए हैं कि उनके वोट से साम्बित पात्रा जैसे किसी को दिल्ली का सीएम बनाया जा सकता है। उनके सीएम चेहरे की घोषणा नहीं करने से, भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके पास दिल्ली के सीएम होने के लायक कोई नहीं है।”

केजरीवाल के बातों से लग रहा है की भाजपा के CM कैंडिडेट की घोषणा न करने से आम आदमी पार्टी बड़ी तख़लीफ़ है ।

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