विशेष

अनुराग कश्यप ट्विटर पर लगातार पीएम नरेंद्र मोदी को क्यों कोस रहे हैं, उठ गया है इस राज़ से पर्दा

अनुराग कश्यप के बारे में जानने के लिए आप को इस आदमी की पृष्ठभूमि से गुजरना होगा। आप में से अधिकांश लोगों को उनके चहरे से लग सकता है कि वह गरीबी से उठे हैं। लेकिन यह सच्चाई से बहुत दूर है। अनुराग कश्यप के पिता यूपी में सरकारी कर्मचारी थे और वे मुख्य अभियंता (Chief Engineer)  के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनका एक भाई भी है, जिस का नाम अभिनव कश्यप है। दोनों भाई भारत के सब से महंगे स्कूलों में से एक सिंधिया स्कूल में पढ़ते थे।

क्या आप जानते हैं कि सिंधिया स्कूल की फीस कितनी है?

आज अगर देखा जाए तो सिंधिया स्कूल में एक नए एडमिशन के लिए 14 लाख का भुगतान करना पड़ता है । जिसका अर्थ है कि उनके पिता ने अपने 2 बेटों के लिए पहले वर्ष के लिए 28 लाख रुपये का भुगतान किया और फिर बाद के वर्षों में कम से कम 17 लाख प्रति वर्ष वर्षों का भुगतान किया। अब उनके पिता शुरू से ही मुख्य अभियंता भी नहीं थे, मुख्य अभियंता की वर्तमान वेतन लगभग प्रति वर्ष 18 लाख है। सिंधिया स्कूल हमेशा आम आदमी की सीमा से बाहर रहा है । सलमान खान के जैसे सुपर अमीर लोग ही इसे अफ़्फोर्ड कर सकते हैं सकते थे। सिंधिया की फीस अब जो है, यक़ीनन अनुराग कश्यप जब पढ़ रहे थे उस से कम होगी लेकिन उन के पिताजी का वेतन वेतन भी भी उसी अनुपात में कम रहा होगा

अब सोचने वाली बात है की एक सरकारी कर्मचारी 28 लाख एक वर्ष का फीस और आने वाले वर्षों में 17 लाख की फीस देकर कब तक अपने बच्चे को पढ़ा सकते हैं ।

सिंधिया स्कूल अपने जीवन काल में कभी भी सरकारी कर्मचारी के दो बच्चों को पढ़ाने के लायक सस्ती नहीं थी ।

आय का अन्य स्रोत होना चाहिए , जो अनुराग कश्यप ही बता सकता है। कुछ साल पहले यूपी में एक विशिष्ट मुख्य अभियंता (कुछ यादव सिंह) का मामला देखें, किस तरह उन्होंने 10000 करोड़ की संपत्ति बनाई थी

ऐसा लगता है कि यूपी में मुख्य अभियंताओं के पास पैसा बनाने की जादुई शक्तियां थी

लगता है की अनुराग भ्रष्ट शासन का ही एक रूप हैं । अनुराग कश्यप के नैतिकता को समझने के लिए इस मामले को भी देखें

अखिलेश सरकार 172 लाभार्थियों को 50,000 रुपये प्रति माह का भुगतान कर रही थी जिसमें अनुराग कश्यप के साथ , यश भारती सम्मान और विशाल भारद्वाज (मोदी सरकार के विरोधी ) भी शामिल थे । सोचिये 172 अमीर लोग उस राज्य से प्रति माह करोड़ों रुपये का चुना लगा रहे हैं जिस राज्य के प्रति व्यक्ति आय भी अन्य राज्यों से बहुत कम है। अमिताभ बचन को भी यह प्रस्ताब दिया गया था की वो चाहें तो सरकार उन्हें प्रति माह 50000 रुपये पेंशन के तौर पर दे सकती है , लेकिन अमिताभ बचन ने शिष्टाचार के साथ इस प्रस्ताब को ठुकरा दिया था । लेकिन अनुराग कश्यप ने ऐसा नहीं किया। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के आने के बाद इस पर बड़े पैमाने में कटौती की। निश्चित ही यह बात अनुराग को पसंद नहीं आयी होगी

पिछले साल अनुराग की कंपनी फैंटम बंद हो गई क्योंकि उनके साथी विकास बहल अक्सर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करता था । वैसे अनुराग को पता था कि विकास क्या कर रहा है लेकिन वह अपने व्यावसायिक हित के लिए चुप रहा । पैसे के लिए नैतिकता के साथ समझौता करना सही है या ग़लत यह बात उन्हें अपने “ईमानदार” पिता से ज़रूर पूछना चाहिए। लेकिन चीजें हाथ से निकल गईं और कंपनी भंग हो गई।  रिलायंस कंपनी ने इस में 50% हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। शायद अनुराग को इस में मोदी का हाथ लगता होगा। और यह आश्चर्य की बात नहीं है

अनुराग से पूछा जाना चाहिए कि उनके पिता सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद इतने महंगे स्कूल के लिए भुगतान कैसे कर पाए? क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि अनुराग भ्रष्ट कमाई के में पले बढे हैं , जहां मुख्य अभियंता अपने बच्चों की इतने महंगे फीस अदा कर सकते हैं।एक अमीर आदमी का देश के एक  गरीब राज्य से  इस तरह का पेंशन लेने में कितनी  रूचि है यह सब को नज़र आ रहा है ।  अपनी कंपनी को खोने के बाद है अनुराग कश्यप की  हताशा देख कर लगता है की उन्हें लगता है इस के पीछे मोदी का ही हाथ है

यह एक कारण है कि अनुराग मोदी सरकार को पसंद नहीं करते हैं, जहाँ कांग्रेस के शासन के मुक़ाबले भ्रष्टाचार में काफी कमी आई है। वहीं दूसरी और अनुराग कश्यप वित्तीय अनियमितताओं के लिए अपने खिलाफ हो रहे पूछताछ से निराश है। एक कारण यह भी है कि वह अपनी कंपनी को खोने के बाद निराश है।

अनुराग कश्यप वही सिस्टम चाहता है जिसमें सीमित वेतन वाला एक मुख्य अभियंता रहस्यमय तरीके से सुपर महंगे स्कूलों के लिए शुल्क का भुगतान कर सके। वह वही सस्टम चाहता है जहां डी कंपनी काले धन को सफेद में बदलने के लिए निदेशकों के लिए फिल्मों को फंड कर सकें.

अनुराग कश्यप कहता है की मोदी तभी काम करते हैं जब कैमरा आसपास होता है? वैसे उन्हें पता होना चाहिए की मोदी और उनके कर्मचारी हमेश कैमरा वाला फोन रखते हैं, इसलिए अपने स्वयं के तर्क के अनुसार मोदी 24X7 काम करते हैं। अब विपक्ष को भी लगता है की मोदी अपने घोषणापत्र में किये गए वादों को पूरा करेंगे, जिनमें से अधिकांश पहले ही ६ महीने के भीतर पूरा हो चुके हैं।

अनुराग कश्यप की एक ट्वीट देखिये


ट्वीट  से पता चलता है, महंगे स्कूल भी आप का चरित्र नहीं सुधार सकते हैं

अनुराग कश्यप ने मूवी मसान के लिए अखिलेश सरकार से 2 करोड़ रुपए लिए। मानो हर महीने 50 हज़ार  चूसना पर्याप्त नहीं था।  इस व्यक्ति को पिछले भ्रष्ट सरकार में अपने संबंधों के माध्यम से सार्वजनिक धन चूसने की आदत थी। लेकिन योगी सरकार आने के बाद यह बंद हो गया था

अनुराग कश्यप का फ़ोकट के सरकारी पैसों का मोह अब तक भी ख़तम नहीं हुआ और योगी सरकार से भी ऐसी ही मांग करने लगे हैं ।

Back to top button