दिलचस्प

लालच में आकर हम अच्छे अवसरों को खो देते हैं और बाद में सिर्फ पछतावा ही बचता है

अक्सर कई लोग अधिक लालच के चक्कर में आकर अच्छा मौका गवां देते हैं और बाद में उनके पास सिर्फ पछतावा ही बचता है। जिंदगी में लालच सबसे बुरी चीज मानी गई है और लालच के कारण हमेशा इंसान का नुकसान ही होता है। लालच से एक कथा जुड़ी हुई है और कथा के अनुसार एक कुम्हार मटके बनाने के लिए जमीन खोदकर मिट्टी जमा कर रहा होता है। तभी मिट्टी में कुम्हार को एक बेशकीमती रत्न मिलता है। इस रत्न को कुम्हार अपने घर ले आता है और कुम्हार को रत्न एक साधारण पत्थर ही लगता है। एक दिन कुम्हार मिट्टी के मटके दुकान में बेचने के लिए जाता है। तब दुकानदार की नजर कुम्हार के पास रखे बेशकीमती पत्थर पर पड़ती है। इस पत्थर को दुकानदार पांच रुपए में कुम्हार से खरीद लेता है और इस पत्थर को अपने तराजू के ऊपर बांध देता है।

एक दिन एक जौहरी दुकान से कुछ समान खरीदने आता है। जौहरी की नजर तराजू पर लगे पत्थर पर पड़ती है। इस पत्थर को देखकर जौहरी समझ जाता है कि ये कोई आम पत्थर नहीं है। जौहरी दुकानदार से पत्थर के बारे में पता करता है। दुकानदार जौहरी को बताता है कि उसने ये पत्थर एक कुम्हार से खरीदा था। कुम्हार को ये पत्थर मिट्टी के अंदर दबा हुआ मिला था।

जौहरी दुकानदार को 20 रुपए देकर उसे पत्थर देने को कहता है। दुकानदार पत्थर के बदले जौहरी से 50 रुपए मांगता है। लेकिन जौहरी उसे 50 रुपए देने से मना कर देता है। जौहरी को लगता है कि ये पत्थर कितना बेशकीमती है इसके बारे में किसी को भी पता नहीं है। इसलिए कुछ दिनों बाद आकर इसे कम दाम में खरीद लूंगा।

कुछ दिनों बाद जौहरी इस उम्मीद से दुकानदार के पास जाता है कि वो उसे 20 रुपए देकर पत्थर खरीद लेगा। जौहरी दुकानदार के पास जाकर उसे 20 रुपए देखकर पत्थर मांगता है। लेकिन दुकानदार के पास वो पत्थर नहीं होता है। दुकानदार जौहरी को बताता है कि उसके जाने के बाद एक जौहरी आया था और उसने 100 रुपए में पत्थर खरीद लिया।

दुकानदार की ये बात सुनकर जौहरी को खूब गुस्सा आता है और वो दुकानदार को कहता है, मूर्ख उस पत्थर की कीमत लाखों रुपए की थी और तुमने उसे महज 30 रुपए में बेच दिया। तेरे जैसा मूर्ख व्यक्ति मैंने कभी नहीं देखा। जौहरी की ये बात सुनकर दुकानदार उससे कहता है, मूर्ख मैं नहीं आप हो। क्योंकि मुझे तो उस पत्थर की कीमत नहीं पता था। लेकिन आपको तो पत्थर की सही कीमत का पता था। मगर लालच में आकर आपने उस पत्थर को अपने हाथों से जाने दिया। आपके पास वो पत्थर कम पैसों में पाने का अवसर था। लेकिन लालच के चक्कर में आप अपना ही नुकसान कर बैठे।

कथा की सीख

इस कथा की हमें ये सीखने को मिलता है कि अच्छे अवसर मिलने पर लालच करने की जगह दिमाग से काम लेना चाहिए। लालच में आकर हम कई बार अच्छे अवसरों को खो देते हैं। जिसकी वजह से बाद में हमें पछताना पड़ता है।

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