अध्यात्म

जानें क्यों चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के कपट किए जाते हैं बंद

आज इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और ये चंद्र ग्रहण भारत सहित आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। हमारे शास्त्रों में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है और ग्रहण लगने पर कई तरह के कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। इसलिए आप ग्रहण लगने के दौरान कोई भी शुभ काम ना करें और ग्रहण लगने से पहले अपने पूजा घर को या भगवान की मूर्तियों को कपड़े से ढक दें।

कितने बजे शुरु होगा ग्रहण

मंगलवार यानी 16 जुलाई की रात को चंद्र ग्रहण लगेगा और ये ग्रहण 1.31 बजे से शुरू होगा जो कि 17 जुलाई की सुबह करीब 4.30 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण 9 घंटे पहले ही शुरू होने वाला है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 4.30 बजे से शुरू होगा और ग्रहण खत्म होने तक रहेगा। ये चंद्र ग्रहण इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण होने वाला है।

सूतक लगने से पहले करें पूजा-पाठ

149 सालों बाद आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु और इष्टदेव की पूजा जरूर किया करते थे। इसलिए आप भी इस दिन पूजा जरूर करें। हालांकि गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण है इसलिए आप ये पूजा सूतक लगने से पहले ही कर लें। क्योंकि ग्रहण के दौरान मंदिर के कपट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण के समय पूजा बिलकुल भी नहीं की जाती है। ग्रहण के समय मंदिरों के साथ-साथ घर में भी पूजा नहीं की जाती है और पूजा घर ढक दिया जाता है। इसलिए आप भी  4.30 बजे के बाद पूजा घर को ढक दें।

आखिर क्यों ग्रहण के समय मंदिर के कपट किए जाते हैं बंद ?

ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक शक्तियां बढ़ जाती है और इन शक्तियों के कारण पवित्र जगह भी अपवित्र हो जाती है। इसलिए ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है और ना ही पूजा की जाती है। नकारात्मक शक्तियों के कारण ही ग्रहण के समय मंदिर को भी बंद कर दिया जाता है और भगवान की मूर्ति को ढक दिया जाता है। वहीं ग्रहण खत्म होने के तुंरत बाद ही मंदिरों की सफाई की जाती और भगवान की मूर्ति को गंगा जल से साफ किया जाता है। मंदिरों की तरह ही ग्रहण खत्म होने के बाद घर की भी सफाई की जाती है और स्नान करके भगवान की पूजा की जाती है।

ग्रहण के दौरान ना करें ये काम

  • ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक शक्तियों का प्रकोप बढ़ जाता है इसलिए इस दौरान घर से बाहर नहीं निकला जाता है और ना ही कोई अच्छा कार्य किया जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान काफी सावधानी बरतनी पड़ती हैं और ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला का सोना सही नहीं माना जाता है। इसके अलावा ग्रहण लगने पर गर्भवती महिला को किसी भी तरह का कार्य करने से भी बचना चाहिए।
  • ग्रहण के समय खाना बिलकुल नहीं खाना चाहिए और खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।

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