अध्यात्म

तो इसलिए बुधवार के दिन बेटियों को नहीं भेजा जाता है मायके, जुडी है ये कथा

शादी के बाद बुधवार के दिन बेटियों को मायके से ससुराल भेजना सही नहीं माना जाता है और कहा जाता है कि अगर बुधवार के दिन बेटी को विदा किया जाए, तो वो किसी दुर्घटना का शिकार हो सकती है। हमारे शास्त्रों में इस बात का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि ऐसा करने से  लड़की के संबंध अपने मायके वालों के साथ बिगड़ जाते हैं और वो हादसे का शिकार हो जाती। वहीं  बुधवार व्रत कथा में भी बुधवार के दिन यात्रा करना सही नहीं माना गया है।

बुधवार के दिन यात्रा ना करने से जुड़ी कथा

बुधवार व्रत कथा में एक कहानी का उल्लेख किया गया है जिसके अनुसार एक मधुसूदन नामक साहूकार हुआ करता था और उस साहूकार की शादी संगीता नाम की लड़की से हुई थी। एक दिन संगीता अपने माता पिता से मिलने के लिए अपने मायके चले गई और कुछ दिन वहां रूक गई। संगीता को लाने के लिए मधुसूदन संगीता के घर चले गए और वहां जाकर उसने संगीता के माता पिता से कहा कि वो संगीता को उसके साथ अब घर भेज दें। उस दिन बुधवार था और इसी वजह से संगीता के माता पिता ने संगीता को ससुराल ना भेजने की बात कही। मगर मधुसूदन नहीं माना और वो बधुवार के दिन ही अपनी पत्नी के साथ अपने घर जाने के लिए रवाना हो गया।

कुछ दूर जाकर इनकी बैलगाड़ी का एक पहियां निकल गए जिसके चलते इन्होंने पैदल ही अपने घर की और जाना शुरू कर दिया। कुछ दूर जाकर संगीता थक गई और मधुसूदन उसके लिए पानी लाने चले गया। लेकिन जब मधुसूदन पानी लेकर संगीता के पास पहुंचा तो उस पाया की उसकी पत्नी उसके हमशक्ल इंसान के साथ बैठी है। अपने हमशक्ल  इंसान को देख मधुसूदन को गुस्सा आ गया है और उसने अपने हमशक्ल इंसान से पूछा की तो कौन है? मधुसूदन के हमशक्ल ने कहा की मेरा नाम मधुसूदन है। ये बात सुन मधुसूदन को गुस्सा आ गया और उसने अपने  हमशक्ल को मारना शुरू कर दिया। इन दोनों के बीच खूब लड़ाई होने लगी और इसी दौरान वहां पर कुछ सिपाही आ गए और इन सिपाहियों ने मधुसूदन और उसके हमशक्ल को पकड़ लिया और इनको राजा के पास ले गए।

राजा ने इन दोनों की पूरी बात सुनी मगर राजा भी ये निर्णय नहीं ले सका कि आखिर इन दोनों में से असली मधुसूदन कौन है? राज ने काफी देर विचार कर फैसला किया कि इन दोनों को ही जेल में डाल दिया जाए। राजा का ये फैसला सुन मधुसूदन डर गया। वहीं कुछ देर बाद एक आकाशवाणी हुई और उस आकाशवाणी में कहा गया कि तुमने संगीता के माता-पिता की बात नहीं सुनी और बुधवार के दिन अपनी पत्नी को ससुराल लाने की गलती की है। इसलिए तुम्हारे साथ ये सब हो रहा है। आकाशवाणी सुनने के बाद मधुसूदन ने भगवान से माफी मांगी। मधुसूदन के माफी मांगते ही उसका हमशक्ल गायब हो गया। वहीं मधुसूदन का हमशक्ल कोई और नहीं बल्कि खुद बुधदेव थे।

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