अध्यात्म

जानिए क्यों शनिदेव को तेल चढ़ाया जाता है और इनके साथ की जाती है हनुमान की पूजा

हनुमान जी को बल का देवता माना जाता है और हनुमान जी भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं जो कि हर वक्त श्री राम की भक्ति में लीन रहते हैं. हनुमान जी की इसी भक्ति से कई सारी कहानी भी जुड़ी हुई है और इन्हीं कहानियों में से एक कहानी हनुमान जी और शनिदेव की है. लोगों शनिवार के दिन शनिदेव को तेल जरूर अर्पित करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है?

हनुमान जी और शनिदेव की कथा

कहा जाता है कि एक बार हनुमान जी पर शनिदेव की दृष्टि पड़ गई थी और हनुमान जब राम जी का नाम ले रहे थे उसी वक्त शनिदेव उनके पास आए और उन्होंने हनुमान जी से कहा कि वो उनपर साढे़ साती बनकर आए हैं और साढ़े सात सालों तक उनके साथ रहने वाले हैं. शनिदेव ने आगे कहा कि वो हर इंसान को उसके पापों की सजा देने के लिए उसके जीवन मेंं एक बार जरूर आते हैं और साढ़े साती या फिर ढैय्या के रूप में व्यक्ति के जीवन में रहते हैं. पहले के ढ़ाई सालों में मैं इंसान के सिर पर रहता हूं और फिर अगले  ढ़ाई वर्ष उसके पेट पर रहता हूं और आखिर के सालों में इंसान के पैरों में रहकर उसे कष्ट देते हूं.

शनिदेव की ये सभी बताते सुनने के बाद हनुमान ने कहा कि ठीक है, अब आप और मैं एक साथ मिलकर साढ़े सात सालों तक राम का नाम लेंगे. वहीं हनुमान की ये बात कहते ही शनिदेव उनके सिर पर विराजमान हो गए. जिसके बाद हनुमान ने फिर से राम जी का नाम लेना शुरू कर दिया. मगर उनके सिर पर शनिदेव इस कदर सवार हुए की वो राम जी का नाम सही से नहीं ले पा रहे थे और राम जी का ध्यान ना कर पाने पर हनुमान जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने बिना कुछ सोच समझे अपने सिर पर अपना गदा मार दिया.जिसके चलते शनिदेव को चोट आ गई और वो सिर से गिरकर हनुमान के पेट की जगह आ गए . जिसके बाद हनुमान ने अपने पेट पर गदा से प्रहार किया और ऐसा करते ही शनिदेव उनके पैरों पर आ गिरे और शनिदेव को काफी चोटे लग गई.  साथ में ही उनके सारे शरीर में दर्द होने लगी. हनुमान का गुस्सा देखते ही शनिदेव ने उनसे माफी मांगी. वहीं शनिदेव की ये हालत देख हनुमान को दुख हुआ और उन्होंने शनिदेव की तेल से मालिश की ताकि उनका दर्द खत्म हो जाए. जिसके बाद शनिदेव ने हनुमान से वादा करते हुए कहा कि जो भी इंसान शनिवार के दिन हनुमान की पूजा करेगा और मेरे पर तेल चढ़ाएगा उस पर मेरी साढ़े साती का कभी भी बुरा असर नहीं पड़ेगा.

यहीं कारण है कि आज लोग शनिवार के दिन शनि देव पर तेल जरूर अर्पित करते हैं और साथ में हनुमान जी की भी पूजा इस दिन करते हैं. आप लोगों ने ऐसे  शनिदेव के कई मंदिर भी देखे होंगे जहां पर शनिदेव के साथ साथ हनुमान जी की भी मूर्ति होती है.

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