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आचार्य चाणक्य अनुसार इन 4 कारणों से पति पत्नी के बीच आती है दरार

आचार्य चाणक्य जी हमारे देश के एक ऐसे महान विद्वान थे जिन्होंने बहुत सी बातें मनुष्य जाति के ऊपर बताई हैं इनके द्वारा बताई गई बातें जितनी उस जमाने में कारगर थी उतनी ही आज के समय में भी कारगर है इन्होंने अपनी कूटनीति के माध्यम से साधारण से बालक को मगध का राजा बना दिया था इन्होंने अपनी नीतियों का प्रयोग करके जिस बालक को राजा बनाया था उसका नाम चंद्रगुप्त था आचार्य चाणक्य ने “चाणक्य नीति” नामक पुस्तक लिखी है जिसमें ऐसी बहुत सी बातें बताई गई है जो हमारे जीवन को एक नया मार्गदर्शन करती है इस पुस्तक में बताई गई बातें हमें सही राह पर ले जाती हैं मनुष्य को अपने जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इन सभी बातों का उल्लेख चाणक्य नीति में मिलता है।

इस संसार में हर व्यक्ति के जीवन में रिश्तो का बहुत महत्व होता है अगर हम पति-पत्नी के संबंधों की बात करें तो पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही अहमियत रखता है और यह सभी रिश्तो से बढ़कर माना गया है पति पत्नी का रिश्ता भरोसे की डोर पर टिका रहता है और यह एक दूसरे का जीवन भर साथ निभाते हैं परंतु पति और पत्नी के आपस में तालमेल ठीक प्रकार से ना बैठे तो कुछ सालों बाद एक साथ जीवन व्यापन करना बहुत ही कठिन लगने लगता है आचार्य चाणक्य जी ने इस संबंध में चाणक्य नीति में इस बात का उल्लेख किया है कि पति पत्नी के बीच दरार आने का क्या कारण होता है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई ऐसी 4 वजह के बारे में बताने वाले हैं जो पति-पत्नी के संबंधों में दरार डालते हैं।

आइए जानते हैं किन 4 कारणों से पति पत्नी के बीच आती है दरार

बातों को छुपाना

आचार्य चाणक्य जी का कहना है जब पति या पत्नी एक दूसरे से अपनी बातों को छिपाने लगते हैं और यह एक दूसरे को अपने निजी मामलों से दूर रखने का प्रयत्न करने लगते हैं तो इन दोनों के बीच दूरियां बनने लगती हैं इसकी वजह से पति पत्नी के बीच दरार उत्पन्न होती है और आने वाले समय में इनका शादी का बंधन टूट भी सकता है।

आपसी दखल देना

आचार्य चाणक्य जी का कहना है जो पत्नी अपने जीवन में अपने पति का दखल बर्दाश्त नहीं कर सकती है जो पत्नी अपने पति से बार-बार यह कहती है कि उसका अपना अलग ही जीवन है जिसमें पति दखलंदाजी नहीं कर सकता ऐसी स्थिति में पति और पत्नी का विवाह टूटना संभव हो जाता है।

लालच

आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि जो पति या पत्नी अपने जीवनसाथी से ज्यादा पैसों को अहमियत देते हैं या फिर जो अपने जीवनसाथी के धन का लालची बन जाए जिसकी वजह से उनकी भावनाओं की कदर ना करें तो ऐसे पति पत्नी की शादी बर्बादी का घर होती है।

आपसी सम्मान ना करना

आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि पति और पत्नी का रिश्ता एक अटूट रिश्ता माना गया है इस संबंध में सिर्फ भावनाएं नहीं होती बल्कि इस रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान भी जरूरी होता है यदि छोटी-छोटी बातों पर पति और पत्नी एक दूसरे को अपमानित करने लगते हैं या एक दूसरे को गलत शब्द बोलते हैं तो इसकी वजह से इन दोनों का रिश्ता टूट सकता है।

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