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हेडफोन लगाते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, वरना बाद में बहुत पछताने वाले हो

साइंस और तकनीक के विकास होने से हमारी जिंदगी में हर काम आसान हो गया है. लेकिन अगर एक तरफ इसने लाइफ को सुविधाजनक बनाया है तो दूसरी ओर कई मुश्किलें भी खड़ी कर दी है. हेडफोन के बारे में तो आप भलीभांति जानते होंगे आज बच्चा से लेकर बूढ़े तक सभी हेडफोन के आदि हो चुके हैं.

इससे भले ही आवाज सुनने में सुविधा मिलती है पर आज हम बताएंगे इससे होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जिसे जानने के बाद आप भी हेडफोन के उपयोग में कमी ले आएंगे. आगे जानिए हेडफोन से होने वाले प्रोब्लेम्स के बारे में…

इंसान के सुनने की एक क्षमता निर्धारित की गई है जिसमे निम्नतम और अधिकतम तीव्रता की बात की गई है. अगर आप भी 90 से अधिक डेसीबल में सॉन्ग या म्यूजिक सुनते हैं तो वो दिन दूर नही जब आप सुनने की क्षमता को खो देंगे. लगातार गाना सुनने से बचें और बीच मे ब्रेक लेने की कोशिश करें. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मोबाइल में निर्धारित लिमिट को क्रॉस ना करें क्योंकि वहां भी एक नोटिफिकेशन के तौर पर यह सूचना मिलता है कि इससे ऊपर वॉल्यूम करने से कान को क्षति हो सकता है.

जिस तरह हम टुथब्रश शेयर नही करते उसी तरह हेडफोन भी परिवार के अन्य सदस्यों से शेयर नही करना चाहिए. ऐसा करने से एक सदस्य से दूसरे सदस्य तक होने वाले बीमारियों के संक्रमण पर रोक लगाया जा सकता है. साथ ही ध्यान रखें कि अगर कभी आपातकाल में किसी और का हेडफोन यूज़ करते हैं तो उससे पहले उसे अच्छी तरह साफ कर लें फिर उपयोग में लाएं. कुछ हेडफोन में रुई की पट्टियां खराब हो जाती हैं तो ध्यान रखें की ऐसा हेडफोन इस्तेमाल करना खतरे से खाली नही है.

अगर आप भी उच्च तीव्रता में गाना सुनते हैं तो कान में दर्द होने की शिकायत आने लगती है. यह पीड़ा दिन ब दिन बढ़ते ही जाता है और आपके कान को भीतर ही भीतर नष्ट करने लगता है. यदि उसी पल से आप हेडफोन की उपयोग में कमी नही लाते हैं तो बदलते वक्त से साथ आप बहरे हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क भी करें क्योंकि कभी कभी यह बड़े घाव का रूप ले लेता है.

कुछ लीग हेडफोन के इतने आदि हो जाते हैं कि जब तक हेडफोन ना लगाएं उनका सर दर्द होते रहता है. इस एडिक्शन से आपकी headphoneसेहत पर बुरा असर पड़ता है जिसके बाद आपको निम्न ध्वनियां सुनाई ही नही देंगी और उच्च ध्वनियों की आदत पड़ जाती है. ऐसे लोग धीमे स्वर में बात करना भी नही पसंद करते हैं जिसके कई बड़े नुकसान भी हैं. ये लोग रात को इस तरह सोए हैं जैसे मृत्यु हो गयी हो क्योंकि हेडफोन से इनकी आदत बदल जाती है.

आगर आप इस खूबसूरत दुनिया से आने वाले सुरों और आवाजों का आनंद लेना चाहते हैं तो आज और अभी से ही कान के प्रति सजग हो जाइए. आने वाली मुश्किलो को ध्यान में रखते हुए हमेशा ध्यान रखें कि वॉल्यूम कम और जरूरत पड़ने पर ही हेडफोन का इस्तेमाल करें.

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