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बैन के बाद भी दिल्ली में जमकर फोड़े गए पटाखे, एक ही रात में दिल्ली की हवा हुई कई गुना जहरीली

नई दिल्ली: दिन प्रतिदिन पृथ्वी पर प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है।वैसे तो पूरी दुनिया में ही प्रदूषण है। लेकिन अगर हम भारत की बात करें तो सबसे ज्यादा प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर में है। यहाँ तक की दिल्ली को पूरी दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से एक माना जाता है। इसकी कई वजहें हैं। इनमें से एक सबसे बड़ी वजह है दिवाली के मौके पर फोड़े जानें वाले पटाखे। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन लगा दिया था।

जहरीली हुई हवा के आंकड़े हैं चौकानें वाले:

सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि सिया करनें से दिल्ली-एनसीआर में होने वाले प्रदूषण के स्तर को कुछ कम किया जा सकेगा। हालांकि ऐसा सही भी होता। लेकिन अवैध रूप से मिलनें वाले पटाखों और जनता की लापरवाही की वजह से एक बार फिर दिल्ली की हवा जहरीली हो गयी है। जी हाँ बैन के बाद भी दिल्ली के कई इलाकों में जमकर आतिशबाजी करते हुए देखा गया, जिससे दिल्ली की हवा काफी जहरीली हो गयी है। दिवाली से जहरीली हुई हवा के आंकड़े चौकानें वाले हैं।

प्रदूषण में इस साल भी नहीं आयी कोई कमी:

Pollution in Delhi emergency Situation

आँकड़ों के अनुसार पिछले साल दिवाली में दिल्ली में काफी प्रदूषण हुआ था और इस साल भी इसमें कोई कमी नहीं आयी है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगानें का कोई फायदा नहीं मिला। दिवाली की रात राजधानी में जमकर आतिशबाजी की गयी, जिससे धुंध छा गया है। शहर के प्रदूषण निगरानी स्टेशन के ऑनलाइन संकेतक ने हवा की गुणवत्ता को काफी खराब बताई है।

श्वसन प्रणाली से ब्लड स्ट्रेम में पहुँच जाते हैं यह कण:

शाम के समय लगभग 7 बजे पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा हवा में तेजी से बढ़ गयी। यह कण श्वसन प्रणाली में चले जाते हैं और ब्लड स्ट्रेम में पहुँच जाते हैं। दिल्ली में प्रदूषण का देता खतरनाक स्थिति में दिखा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आर. के. पुरम निगरानी स्टेशन ने रात के लगभग 11 बजे पीएम 2.5 का स्तर 878 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर 1179 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर था।

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