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डोकलाम विवाद के बाद फिर चीन ने की ऐसी गिरी हुई हरकत, जानकर खून खौल उठेगा आप का

कई दौर की वार्ता, फिर ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात और हाल ही में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण का सीमा पर जाकर चीनी सैनिकों को नमस्ते कहना.. लेकिन फिर भी शायद चीन को भारत के मित्रवत रुख का कोई मान नहीं है, तभी एक बार फिर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में भारत को निशाने पर लेते हुए भारतीय सोसाइटी को पागलपन का शिकार बताया है। चीन के सरकारी अखबार में छपे एक लेख में लिखा गया है कि पेइचिंग डोकलाम में सड़क और अन्य निर्माण कार्य को जारी रखेगा। कुल मिलाकर चीन ने एकबार फिर भारत को कड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहा है। अखबार के लेख में यह भी लिखा गया है कि इन निर्माण कार्यों पर भारत की कोई भी प्रतिक्रिया विचित्र है।

चीन के सरकारी अखबार में छपा लेख

सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार में छपा लेख बीते हफ्ते आई उन रिपोर्ट्स के जवाब में लिखा गया है जिनमें कहा गया था कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने चुंबी घाटी में एक सड़क का निर्माण शुरू किया है, जो कि डोकलाम इलाके से महज 10 किलोमीटर दूर है, जहां भारत और चीन के बीच महीनों विवाद रहा। लेख के मुताबिक, ‘डोकलाम चीनी क्षेत्र है और पूरी तरह से चीनी सरकार के नियंत्रण में है। डोकलाम विवाद के बीच, पेइचिंग ने इस इलाके में सड़क निर्माण किया था और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने की कोशिश की थी। ऐसा लंबे समय से चला आ रहा है।’

चीन भारत के सनकीपन को मानने को बाध्य नहीं

इसमें लिखा गया है, ‘भारत की चिंताएं समझने योग्य है लेकिन उसे हर तरफ उलझना नहीं चाहिए। भारत को अपने सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं एक सीमा तक रखनी चाहिए।’ लेख के मुताबिक, ‘डोकलाम में निर्माण कार्य को लेकर भारत की चिंता तर्कसंगत है लेकिन इसे लेकर उसकी कड़ी प्रतिक्रिया पागलपना है।

भारतीय समुदाय संवेदनशील और अभिमानी है और भारतीय मीडिया राष्ट्रवाद को बढ़ा रहा है। भारत को अपने पागलपन से बाहर आना चाहिए और चीन भारत के सनकीपन को मानने के लिए बाध्य नहीं है।’

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था सिक्किम दौरा

डोकलाम में सुधरते हालात और शांत होते माहौल के बीच बीते दिनों रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिक्किम में नाथू ला सीमा चौकी की अपनी पहली यात्रा की थी। इस दौरान चीनी सैनिकों से कुछ देर बातचीत थी और वह उन सैनिकों को नमस्ते बोलना सिखाते भी देखी गईं थी। लेकिन इन नए लेख के बाद साफ होता जा रहा है कि चीन अपनी जिद छोड़ने को तैयार नहीं है।

हाल ही में चीन ने ब्रिक्स सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भविष्य में डोकलाम जैसी घटनाओं से बचने पर सहमत हुए थे. साथ ही इस बात का संकेत दिए थे कि दोनों देश डोकलाम सीमा विवाद को पीछे छोड़ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं. इस गतिरोध के समाप्त होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी. मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया था कि “राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात. हमारे बीच भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभावी वार्ता हुई.”

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