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5 साल बाद मां से मिलने का बना ‘योग’: लंबे इंतजार के बाद पैतृक गांव आ रहे योगी आदित्यनाथ

संन्यास लेने के बाद गोरखनाथ मठ में ही अपना संत जीवन बिता रहे तथा राष्ट्र और समाज की सेवा में लगे योगी आदित्यनाथ का कभी-कभार ही अपने परिवार के लोगों से मिलना हो पाता है। क्योंकि संन्‍यास के बाद संन्‍यासी का अपने पूर्वाश्रम के संबंधियों से रिश्‍ता नहीं रह जाता। लेकिन इसके बाद भी एक संबंध है जो तोड़े नहीं टूटता। ये रिश्ता है जन्‍म देने वाली मां का रिश्‍ता। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हाड़-मांस की देह देने के अलावा मां ज्ञान का पहला सूत्र भी देती है। इसी सूत्र में बंधे आदिगुरु शंकराचार्य ने भी अपनी मां को दिया वचन निभाया था।

मई में जाएंगे पैतृक गांव

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए भी अपनी मां की पुकार को अनसुना कर पाना संभव नहीं है। वह मई के पहले सप्‍ताह में उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पंचूर गांव में अपनी 84 साल की सावित्री देवी से मिलने जाएंगे।

पिता के निधन में भी नहीं गए थे

दो साल पहले 2020 में कोरोना महामारी के दौरान योगी आदित्‍यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्‍ट का निधन हो गया था। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के चलते योगी पिता के अंतिम संस्‍कार में शामिल नहीं हो पाए। तब से अब तक इन दो वर्षों के दौरान योगी ने अपनी मां से एक बार भी बात नहीं की। एक इंटरव्यू में इसकी वजह बताते हुए उन्‍होंने कहा, ‘पिताजी के निधन के बाद भय और संकोच के मारे मां से बात नहीं कर पाया। मैं आज जो भी हूं उनकी कृपा की वजह से हूं। बचपन में मेरी पहली शिक्षक मेरी मां ही थी।’

जहां तक बात मुलाकात की है तो योगी 5 साल पहले अपनी मां से फरवरी 2017 में मिले थे जब वह बीजेपी प्रत्‍याशी ऋतु खंडूरी का प्रचार करने गए थे। बहरहाल, इसी इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि चुनाव परिणामों के बाद वह अपनी मां से मिलने जरूर जाएंगे। यूपी चुनाव के परिणाम आ गए और योगी दोबारा सीएम चुने गए।

मां ने मिलने की इच्छा जताई

इसी दौरान मीडिया ने उनकी मां से बात की। सावित्री देवी ने भरे गले से कहा था, ‘महाराज एक बार गांव आ जाएं , उनकी याद आती है, पिता के निधन पर भी नहीं आए थे।’ मां की यह पुकार योगी आदित्‍यनाथ तक पहुंची और लगभग महीने भर बाद उनका उत्तराखंड के पौड़ी जिले की तहसील यमकेश्‍वर में पंचूर गांव जाने का प्रोग्राम बना है। अभी आधिकारिक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन चर्चा है कि तीन दिन के दौरे में वह 4 और 5 मई में किसी दिन अपने गांव जाकर मां से मुलाकात कर सकते हैं।

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