बॉलीवुड

फिल्म इंडस्ट्री से फिर आई बुरी खबर, बात करते-करते चल बसी ये मशहूर अभिनेत्री

फिल्म इंडस्ट्री से दुखद खबरों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ समय पहले ही हम लीजेंड सिंगर लता मंगेशकर को अलविदा कह चुके हैं। वहीं रवीना टंडन के पिता और फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर रवि टंडन भी इस दुनिया में नहीं रहे। अब खबर आ रही है कि कन्नड़ फिल्मों की फेमस अभिनेत्री और थिएटर आर्टिस्ट भार्गवी (Bhargavi Narayan) नारायण भी अब हमारे बीच नहीं रही हैं।

83 की उम्र में भार्गवी नारायण का निधन

भार्गवी नारायण (Bhargavi Narayan) 83 वर्ष की थी। उन्होंने सोमवार 14 फरवरी की शाम करीब साढ़े सात बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना बेटे प्रकाश बेलावाड़ी ने दी। उन्होंने बताया कि भार्गवी बीते दो वर्षों से अधिक उम्र के चलते कई बीमारियों से जूझ रही थी। वे शाम को गिर गई थी। उन्हें पेल्विस (कूल्हो) में फ्रैक्चर हुआ था। वह बहुत कमजोर दिख रही थी। उन्होंने कुछ देर हमसे बात भी की लेकिन फिर उनकी सांसें थम गई।

कन्नड़ सिनेमा में थी खास पहचान

भार्गवी कन्नड़ सिनेमा की जानी मानी हस्ती थी। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दी। उनके उनके 4 बच्चे और पोते-पोतियां है। उनके पति बेलावडी नंजुंदैया नारायण मशहूर मेकअप आर्टिस्ट थे जिन्हें नानी के नाम से जाना जाता था। दोनों की मुलाकात कॉलेज में थिएटर के दिनों में हुई थी। कपल ने 50 साल पहले जयनगर में अपना घर ग्रीन हाउस बनाया था। नानी 2003 में 75 साल की उम्र में दुनिया छोड़ चले गए थे।

पार्थिव शरीर को किया जाएगा दान

भार्गवी की पोती संयुक्ता भी एक कन्नड़ फिल्म एक्ट्रेस हैं। उन्होंने दादी के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा “मेरी दादी…अज्जी भज्जी…आज शाम साढ़े सात बजे निधन हो गया।” बेटे प्रकाश के अनुसार भार्गवी नारायण का पार्थिव शरीर उनकी इच्छा के अनुसार सेंट जॉन्स अस्पताल को दान किया जाएगा। उनकी आंखें नेत्रधाम संस्थान में दान होगी। फिलहाल वे बेटी सुजाता के मुंबई से आने का इंतजार कर रहे हैं फिर पार्थिव शरीर दान कर दिया जाएगा।

600 से अधिक नाटकों में किया काम

भार्गवी नारायण 600 से अधिक नाटकों में काम कर चुकी थी। उन्होंने डॉ राजकुमार-स्टारर एराडु कनासु (1974), ‘पल्लवी अनु पल्लवी (1983), बा नल्ले मधुचंद्रके (1993) और प्रोफेसर हुचुरया जैसी हिट फिल्मों में काम किया था। उन्हें 1974-75 में बेस्ट सहायक अभिनेत्री का राज्य पुरुषकार मिला था। वे 2019 में राज्योत्सव पुरस्कार भी अपने नाम कर चुकी हैं। वे ना कांडा नम्मावरु की लेखक भी रहीं।

लिख चुकी है खुद की बायोग्राफी

भार्गवी नारायण ने 2012 में नानू भार्गवी नाम से अपनी बायोग्राफी भी लिखी। इसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। वे कर्मचारी राज्य बीमा निगम में नौकरी भी करती थी। फिर भी उन्होंने थिएटर और सिनेमा में बैलेंस बनाए रखा। वे भार्गवी कर्नाटक नाटक अकादमी की मेम्बर भी थी।

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