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हिन्दू धर्म के परम्पराओं का ये वैज्ञानिक आधार जानकार आप चकित रह जाएंगे !

भारत में सनातन धर्म बहुत प्राचीन धर्म है। यह विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से है। भारत में अब सनत धर्म को हिन्दू धर्म के नाम से जाना जाता है। हालांकि भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन हिन्दू धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है। हिन्दू धर्म ना केवल भारत में बल्कि विश्व के कई और देशों में भी माना जाता है। हिन्दू धर्म में कुछ ऐसी परम्पराएं हैं, जिसे धर्म ना मानने वाले बकवास समझते हैं, लेकिन इन परम्पराओं का वैज्ञानिक आधार है। हिन्दू धर्म दुनिया का इकलौता ऐसा धर्म है, जिसकी सभी परम्पराओं का वैज्ञानिक आधार है।

हिन्दू धर्म की इन परम्पराओं का है वैज्ञानिक आधार:

*- कान छिदवाना:

विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म जिसकी परम्पराओं का है वैज्ञानिक आधार, जानें!

भारत में केवल हिन्दू ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग कान छिदवाते हैं। यह धर्म से ज्यादा भारत की परम्परा है।

वैज्ञानिक आधार:

कान छिदवाने के बारे में दर्शनशास्त्रियों का मानना है कि इससे सोचने की शक्ति बढती है और डॉक्टरों का मानना है कि इससे बोली अच्छी होती है। कानों से होकर जो नस दिमाग तक जाती है, उसका संचार नियंत्रित रहता है।

*- माथे पर तिलक लगाना:

भारत में हिन्दू धर्म को मानने वाले पुरुष और महिलाएँ माथे पर तिलक लगाते हैं।

वैज्ञानिक आधार:

दोनों आँखों के बीच माथे तक एक नस जाती हैं, जहाँ तिलक लगाने से वहाँ उर्जा बनी रहती है। उस जगह तिलक लगाने के लिए जब उँगलियों का इस्तेमाल होता है तो वहाँ दबाव पड़ता है और रक्तसंचार से मांसपेशी सक्रिय हो जाती है। इससे चेहरे पर रक्त संचार अच्छा होता है।

*- जमीन पर बैठकर भोजन ग्रहण करना:

भारतीय संस्कृति में जमीन पर बैठकर ही भोजन किया जाता है। इसका भी किसी धर्म से ख़ास लेना-देना नहीं है।

वैज्ञानिक आधार:

पालथी मारकर बैठना एक तरह का योग होता है। ऐसे बैठने से मस्तिष्क शांत रहता है और भोजन पचाने के लिए मस्तिष्क का शांत होना बहुत जरुरी है। इस अवस्था में बैठते ही दिमाग पेट को एक संकेत देता है कि अब भोजन करना चाहिए।

*- नमस्कार करना:

विश्व का एकमात्र ऐसा धर्म जिसकी परम्पराओं का है वैज्ञानिक आधार, जानें!

हिन्दू परम्परा में जब भी कोई मिलता है तो उसे हाथ जोड़कर नमस्ते किया जाता है।

वैज्ञानिक आधार:

जब हाथों की सभी अँगुलियों का शीर्ष एक दुसरे के सम्पर्क में आता है तो उनपर दबाव पड़ता है। इसका सीधा प्रभाव आँखों, कानों और दिमाग पर पड़ता है। इससे सामने वाले व्यक्ति को ज्यादा समय तक याद रखा जा सकता है।

*- पीपल की पूजा:

हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है, ऐसा माना जाता है कि इससे भूत-प्रेत दूर भागते हैं।

वैज्ञानिक आधार:

इस पेड़ की पूजा इसलिए की जाती है ताकि लोग इसे काटे नहीं। यही एक ऐसा पेड़ है जो रात के समय में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता है।

*- सूर्य नमस्कार:

हिन्दू धर्म में लोग सुबह नहाने के बाद सूर्य को जल चढ़ाते हुए नमस्कार करते हैं।

वैज्ञानिक आधार:

सूर्य से निकलने वाली किरणे जब पानी से टकराकर आँखों तक पहुँचती है तो आँखों की रौशनी अच्छी होती है।

*- सर पर चोटी रखना:

हिन्दू धर्म को मानने वाले ज्यादातर पुरुष सर पर चोटी रखते हैं।

वैज्ञानिक आधार:

जिस जगह पर चोटी रखी जाती है, वहाँ दिमाग की सभी नसों का केंद्र बिन्दू होता है। अहिं सभी नसें आकर मिलती हैं। इससे सोचने की क्षमता बढती है और दिमाग स्थिर रहता है।

इसके अलावा भी हिन्दू धर्म की कई ऐसी परम्पराएं हैं, जिसका वैज्ञानिक आधार है।

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