समाचार

कंगना का कांग्रेस से सवाल, विंस्टन चर्चिल के अपराधों के लिए भारत में कभी मुकदमा क्यों नहीं चला

एक्ट्रेस कंगना रनौत कई दिनों से विवाद में बनी हुई है. उनका आज़ादी वाला बयान आए दिन नए बखेड़े खड़ा करता जा रहा है. एक्ट्रेस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम वाले अपने बयान पर विवाद खड़ा करने वालों को फिर आड़े हाथ लिया है. एक्ट्रेस ने अब इंस्टाग्राम पर एक लम्बी पोस्ट लिखते हुए कहा है कि वह अब भी अपनी बात पर कायम है.

एक्ट्रेस ने कहा कि, भारत में अंग्रेजों को उनके ‘अनगिनत अपराधों’ के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है. साथ ही कंगना ने कांग्रेस से सवाल किया कि दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश PM रहे विंस्टन चर्चिल पर कभी भारत में मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया.

इस विवादित अभिनेत्री ने बीबीसी द्वारा पब्लिश एक ओपिनियन पीस का स्क्रीनशॉट शेयर कर लिखा, ‘यह 2015 में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक लेख है, जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए किसी तरह की प्रतिपूर्ति नहीं करता है. व्हाइट कॉलोनिस्ट या उनके हमदर्द इस दिन और इस उम्र में ऐसी बकवास से क्यों और किस तरह दूर हो सकते हैं.’

इसके साथ ही कंगना ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के मुताबिक भारत छोड़ दिया था. इसके साथ ही विंस्टन चर्चिल को युद्ध के हीरो के रूप में सम्मान दिया गया. ये वहीं इंसान था जो बंगाल में भुखमरी और आकाल के लिए जिम्मेदार था. क्या उनके अपराधों के लिए आजाद भारत की अदालतों में उनके खिलाफ किसी भी तरह का मुकदमा चलाया गया.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Kangana Thalaivii (@kanganaranaut)

साइरिल रेडक्लिफ वो अंग्रेज़ था जो कभी भी भारत में नहीं आया. उसे बंटवारा करने के लिए केवल पांच हफ्ते के लिए भारत लाया गया था.अंग्रेजों द्वारा बंटवारे की जो शर्तें तय की गई थीं, उस कमेटी में कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों के सदस्य शामिल हुए थे. उस बंटवारे के कारण लगभग 10 लाख लोग मारे गए थे. क्या उन दंगों में मरने वाले लोगों को आज़ादी मिली. क्या अंग्रेज या कांग्रेस उस नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे, जिन्होंने देश के बंटवारे की लाइन खींची थी?

कंगना ने पं.नेहरु का लेटर किया पोस्ट
कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर जवाहर लाल नेहरू का एक पत्र शेयर किया था, उन्होंने बात रखते हुए लिखा, ‘हमारे प्रथम प्रधान मंत्री, श्री जवाहर लाल नेहरू की ओर से 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को एक पत्र है, इस लेटर में भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया था. यह पत्र आप मेरी पोस्ट की दूसरी इमेज में देख सकते है.

kangana ranaut

अगर ऐसा कोई पत्र है तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने कभी अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने की कोशिश की? अगर हां तो मुझे बताये मेरी बात कहा गलत है. स्वतंत्र भारत की मांग रखने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत के दो टुकड़े कर देंगे.

जिसके कारण दस लाख लोगों का नरसंहार होगा? मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेज शासन को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं. जय हिंद.’

Back to top button