अध्यात्म

जन्माष्टमी पर ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार, पूजा की थाली में जरूर रखें ये सामग्री

कृष्ण जन्माष्टमी पर आज इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा, जानें पूजन सामग्री व विधि

कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल ये पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है और कृष्ण भगवान का श्रृंगार किया जाता है। साथ ही कान्हा को झूला झुलाया जाता है। श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति, आयु और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

bal krishna

आज कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। पूजा की कुल अवधि 45 मिनट की है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में पूजन करने से कान्हा की विशेष कृपा मिलती है। वहीं व्रत पारण का समय 31 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट के बाद का है।

इस तरह से करें पूजा

जन्माष्टमी की पूजा आप घर पर भी कर सकते हैं। सबसे पहले एक चौकी मंदिर में स्थापित कर लें। उसके बाद चौकी पर भगवान कृष्ण की बाल रूप की मूर्ति स्थापित कर दें। अब भगवान के सामने दीपक धूपबत्ती जलाएं और व्रत रखने का संकल्प करें।

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जन्माष्टमी के दिन रात को 12 बजे कान्हा का जन्म करवाया जाता है। इसलिए रात को 12 बजे भी पूजा करें। 12 बजे पूजा करते हुए श्री कृष्ण का पंचामृत और फिर गंगाजल से स्नान कराएं। फिर कान्हा का श्रृंगार करें। श्रृंगार करते हुए इनको पीले रंग के वस्त्र, गहने, गोपी चन्दन लगाए। मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का पूर्ण श्रृंगार करने से वह  प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।

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श्रृंगार करने के बाद कान्हा को अष्टगंध चन्दन, अक्षत और रोली का तिलक लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण करें। मेवा, माखन और मिसरी का भोग भी लगाएं।

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श्री कृष्ण के विशेष मंत्रों का जाप भी करें। विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें। याद रखें कि पूजा में काले या सफेद रंग का प्रयोग न करें। पूजा के दौरान वैजयंती के ही फूल कृष्ण जी को अर्पित करें। तो सर्वोत्तम होगा। अंत में जिस पंचामृत से कान्हा का स्नान करवाया है उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करें और वितरण करें।

पूजा सामग्री लिस्ट

पूजा करते हुए आपको इन सभी चीजों की जरूर पड़ेगी, आइए जानते हैं पूजा की सामग्री –

– बालगोपाल की लोहे या तांबे की मूर्ति और झूला
– बांसुरी व वस्त्र
– श्रृंगार के लिए गहने
– बालगोपाल के झूले को सजाने के लिए फूल
– तुलसी के पत्ते
– चंदन
– कुमकुम
– अक्षत व पुष्पमाला
– लाल कपड़ा
– केले के पत्ते
– शहद
– शकर
– शुद्ध घी
– दही
– दूध
– मिश्री
– मक्खन
– गंगाजल
– धूप बत्ती
– कपूर
– सिंदूर
– सुपारी
– पान के पत्ते

शहरों के अनुसार पूजा करने का शुभ समय

पुणे

12:12 AM से 12:58 AM, अगस्त 31

नई दिल्ली –

11:59 PM से 12:44 AM, अगस्त 31

चेन्नई

11:46 PM से 12:33 AM, अगस्त 31

जयपुर

12:05 AM से 12:50 AM, अगस्त 31

हैदराबाद

11:54 PM से 12:40 AM, अगस्त 31

गुरुग्राम

12:00 AM, से 12:45 AM, अगस्त 31

चण्डीगढ़

12:01 AM, से 12:46 AM, अगस्त 31

कोलकाता

11:14 PM से 12:02 AM, अगस्त 31

मुम्बई

12:16 AM, से 01:02 AM, अगस्त 31

बेंगलूरु 

11:57 PM से 12:43 AM, अगस्त 31

अहमदाबाद

12:18 AM, से 01:03 AM, अगस्त 31

नोएडा

11:59 PM से 12:44 AM, अगस्त 31

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