विशेष

अफगानी बेटी का दर्द: घर में घुस तलिबानियों ने कहा खाना बनाओ, नहीं बनाया तो पीटकर मार डाला

हिंसा और आतंकवाद हमेशा बुरा होता है। लेकिन कुछ लोग यह बात नहीं समझते हैं और इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए करते हैं। ये लोग इतने अधिक क्रूर होते हैं कि इनके अंदर दया नाम की चीज भी नहीं होती है। इन दिनों यही आतंक और क्रूरता अफगानिस्तान में देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि आतंकी संगठन तालिबान इस समय अफगानिस्तान पर कब्जा बनाए हुए है। इस देश से जिस तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है वह काफी डरावनी है।

afghanistan airport

तालिबान के खौफ से कई लोग देश से पलायन कर रहे हैं। बीते दिनों एयरपोर्ट पर दिखी भीड़ से ही आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि अफगानिस्तानी नागरिक किस हद तक तालिबान से डरे हुए हैं। तालिबान का कहना है कि वह अफगान नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखेगा और उनके अधिकारों की रक्षा भी करेगा। लेकिन वहाँ से जिस तरह की खबरें और किस्से सामने आ रहे हैं उसे देख ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है।

afghanistan

हाल ही में एक अफ़गान लड़की ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में अपने सतह घटी खौफनाक घटना को बताया। मनिझा नाम की लड़की ने बताया कि मेरी मां का नाम नाजिया था। एक दिन कुछ तालिबानी लड़ाके हमारे घर में जबरदस्ती घुस आए और मेरी मां से बोले कि 15 लोगों के लिए खाना बनाओ। हालांकि मेरी मां ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसने कहा कि मैं बहुत गरीब हूं। आप लोगों के लिए खाना कैसे बना सकती हूं।’

afghanistan

मनिझा अपना दुख साझा करते हुए आगे कहती है ‘मां ने जब खाना बनाने से इनकार किया तो उन्होंने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। इससे मेरी मां गिर गई। इसके बाद उन्होंने अपनी बंदूकों AK47 से उसे मारा। यह देख मैं रोने लगी, जिस पर तालिबान ने अगले कमरे में एक हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। इससे पूरे घर में आग लग गई। फिर वह तालिबानी वहाँ से चले गए। हालांकि मेरी मां नजिया की इधर मौत हो गई।’

afghanistan

यह पूरी घटना 12 जुलाई को अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांत फरयाब के एक गांव में घटित हुई है। इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तालिबान की बहुत निंदा हो रही है। एक तरफ तो तालिबान अफगान नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की बात कर रहा है, लेकिन दूसरी तरफ उसकी क्रूरता की खबरें रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। इसे देख ऐसा लगता है कि तालिबान बिल्कुल भी नहीं बदला है। यह ठीक वैसा ही है जैसा 1990 में था। तब भी तालिबान के राज में अफगानिस्तान की हालत नर्क से भी बदतर हो गई थी।

इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद अफगानी नागरिकों का भविष्य खतरे में नजर आता है। फलहाल पूरी दुनिया की नजर तालिबान और अफगानिस्तान पर टिकी हुई है। तालिबान अपनी हिंसा और आतंक को लेकर हमेशा ही बदनाम रहा है। ऐसे में अफगानिस्तान और इसके नागरिकों का आगे क्या होगा ये तो समय ही बताएगा।

वैसे इस पूरे मामले को आप किस तरह से देखते हैं हमे कमेंट कर जरूर बताएं।

Back to top button