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भारत में की गई ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ दवा लॉन्च, कोरोना होने पर डोनाल्ड ट्रंप को भी दी गई थी यही दवा

रोश इंडिया व सिप्ला ने लॉन्च की कोरोना की दवा, 1 खुराक के लिए चुकाने होंगे करीब 60 हजार रुपए

रोश इंडिया और सिप्ला (Roche India and Cipla) ने एंटीबॉडी कॉकटेल (कैसिरिविमैब और इमदेविमाब) दवा को लॉन्च कर दिया है। जो कि कोरोना के मरीजों के इलाज में काम आएगी। इस एंटीबॉडी कॉकटेल की कीमत 59,750 रुपये प्रति खुराक रखी गई है। कंपनी का दवा है कि इस दवाई का इस्तेमाल कोविड-19 के ग्रस्त उन लोगों पर किया जा सकेगा। जो कि काफी बीमार हैं।

cipla

सोमवार को सिप्ला और रोश ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘एंटीबॉडी कॉकटेल (कैसिरिविमैब और इमदेविमाब) की पहली खेप भारत में उपलब्ध है, जबकि दूसरी खेप जून के मध्य तक उपलब्ध होगी। कुल मिलाकर इन खुराकों से दो लाख रोगियों का इलाज किया जा सकता है।’ इस दवा का वितरण पूरे भारत में किया जाएगा। प्रत्येक रोगी के लिए खुराक की कीमत 59,750 रुपये होगी, जिसमें सभी कर शामिल हैं। बयान के अनुसार दवा प्रमुख अस्पतालों और कोविड उपचार केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी।

ये हैं दवा की खासियत

Antibody Cocktail (Casirivimab and Imdevimab)

एंटीबॉडी कॉकटेल को 12 साल या उससे अधिक उम्र के कोरोना रोगियों को दिया जा सकता है। हालांकि ये दवा केवल उन्हीं बच्चों को दी जा सकती है। जिनका वजन कम से कम 40 किलो हो। ये दवा हल्के से मध्यम कोरोनावायरस रोगियों पर अच्छे से काम करती है। ये दवा ऐसे रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को 70% तक कम करने में मदद करती है और ऑक्सीजन भी सही बनाए रखती है। इसे कोरोना पॉजिटिव आने के 48 से 72 घंटे के अंदर लिया जा सकता है। इसे लेने में 20 से 30 मिनट लगते हैं। इसके बाद एक घंटे तक मरीज को निगरानी में रखा जाता।

corona patient inside window

ये दवा वायरस को मानवीय कोशिकाओं में जाने से रोकती है। जिससे वायरस को न्यूट्रिशन नहीं मिलता है। इस तरह ये दवा वायरस को रेप्लिकेट करने से रोकती है। इस दवा को अमेरिका में इलाज के दौरान इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं अब भारत सरकार ने भी इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। एंटीबॉडी कॉकटेल को कोरोना से पीड़ित पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया गया था।

भारत में ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ के वितरण का काम सिप्ला को दिया गया है। ये दवा अभी देश में चुनिंदा जगहों पर ही मिल सकेगी। जैसे इसे मेदांता अस्पताल से लिया जा सकता है।

DRDO 2-DG Medicine

गौरतलब है कि कोरोना के इलाज के लिए इससे पहले 2 DG दवा के इस्तेमाल को सरकार ने इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी थी। जिसके बाद इस दवा को DRDO ने लॉन्च किया था। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से बनाई गई एंटी-कोविड दवा 2-DG (2-deoxy-D-glucose) की मदद से कोरोना मरीजों की रिकवरी जल्‍दी होती है और ऑक्‍सीजन पर उनकी निर्भरता भी कम होती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और एम्‍स, दिल्‍ली निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की मौजूदगी में 2डीजी का पहला बैच जारी किया था।

क्लिनिकल ट्रॉयल में इस दवा को सफलता मिली थी।  ये दवा सैशे में पाउडर के रूप में आती है। कोरोना मरीज को इसे पानी में घोलकर लेना होता है। ये दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में जमा होती है और वायरल सिंथेसिस और एनर्जी प्रोडक्‍शन को रोककर वायरस ग्रोथ को रोकती है।

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