अध्यात्म

अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है , जानें इस जुडी पौराणिक कथाएं और कुछ खास बातें

अक्षय तृतीया को बेहद ही शुभ दिन माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन बिना मुहूर्त निकाले आसानी से शुभ कार्यों को किया जा सकता है। इस साल अक्षय तृतीया 14 मई को है। इस दिन सोना खरीदना, मां लक्ष्मी की पूजा और दान का काफी महत्व माना गया है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन आप ये कार्य जरूर करें।

अक्षय तृतीया तिथि शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया तिथि का आरंभ 14 मई 2021 को सुबह 05 बजकर 38 मिनट से होगा। अक्षय तृतीया तिथि समाप्ति 15 मई 2021 को सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर होगी। अक्षय तृतीया पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक होगा। यानी पूजा की कुल अवधि 06 घंटा 40 मिनट रहेगी।

अक्षय तृतीया का महत्व

1.अक्षय तृतीया के दिन ही मां अन्नपूर्णा का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। इस दिन जरूरतमंदों को खाना खिलाने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद देती हैं। ऐसा होने से घर में अन्न का भंडार सदा भरा रहता है और कभी भी खाने की कमी नहीं होती है।

2.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत लिखना आरंभ किया था।

3.इसी दिन भगवान शिव ने भगवान कुबेर को माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने को कहा था। तभी से अक्षय तृतीया के दिन मा लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई है। मान्यता है कि जो लोग इस अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं, उनके घर में धन की कमी नहीं होती है।

4.अक्षय तृतीया के दिन युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी। इस पात्र विशेषता थी कि इसमें रखा भोजन कभी समाप्त नहीं होता था।

5.मान्यता है कि त्रेता युग का आरंभ वैशाख शुक्ल तृतीया को ही हुआ था। इसी दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म भी गिया था।

अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा जरूर की जाती है। इस साल शुक्रवार के दिन ही अक्षय तृतीया आ रही है। ऐसे में इस दिन मां का पूजन करने अधिक लाभ हासिल होगा। अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र में सुकर्मा और धृति योग बन रहा है। ये दोनों ही योग बहुत शुभ माने गए हैं। 14 मई रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से 01 बजकर 46 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा और इसके बाद धृति योग शुरू हो जाएगा। इस योग के दौरान ही मां का पूजन करें। तो ज्यादा बेहतर होगा।

जरूर खरीदें सोना

अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण की धातु खरीदना शुभ माना गया। मान्यता है कि इस दिन घर में सोने की धातु लाने से परिवार में सुख, समृद्धि बढ़ती है और मां लक्ष्मी का वास घर में हो जाता है। सोना खरीदने के अलावा इस दिन दान का भी काफी महत्व माना गया है। इस दिन मटका, छाता, शक्कर, फल, वस्त्र, दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया पूजा विधि

  • कई लोगों द्वारा अक्षय तृतीया का व्रत भी रखा जाता है। माना जाता है कि इस दिन महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए व्रत करती हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और नारायण की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित कर इनकी पूजा करें।
  • भगवान के सामने धूप दीप प्रज्वलित करें और चंदन, श्वेत कमल का फुल, श्वेत गुलाब मां को अर्पित करें।
  • पूजा करते हुए व्रत का संकल्प धारण करें। पूजा करने के बाद वस्तुओं का दान गरीब लोगों को करें।

शादी के लिए उत्तम होता है दिन

अक्षय तृतीया के दिन कई ग्रह मिलकर शुभ योग बनाते हैं। इसलिए जिन कार्यों को करने के लिए मुहूर्त नहीं निकल पाता है। उन्हें अक्षय तृतीया के दिन किया जाता है। अक्षय तृतीया के दिन बिना मुहूर्त निकाले विवाह भी किया जाता है। इसलिए जिन लोगों की कुंडलियां नहीं मिल रही होता है या विवाह की तारीख नहीं निकल रही है। वो लोग इस दिन विवाह कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य शुभ कार्य में अक्षय तृतीया के दिन कर लें।

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