अध्यात्म

इन तीन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती, प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय

इस समय तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। जो कि धनु, मकर और कुंभ है। इसके अलावा दो राशियों मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या चल रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र राशि से जब शनि 12वें भाव, पहले भाव व द्वितीय भाव से निकलते हैं। उस अवधि को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। ये अवधि साढ़े सात वर्ष की होती है। जबकि गोचर में शनि किसी राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होता है। तो ये स्थिति ढैय्या कहलाती है। जो को ढाई सालों की होती है।

शनि को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है। शनिदेव उसे वैसा ही फल देते हैं। अगर आपने बुरे कर्म किए हैं, तो आपको शनिदेव द्वारा दंड दिया जाता है। वहीं अच्छे कर्म करने पर शनिदेव की कृपा आप पर बन जाती है और शनिदेव आपके अनुकूल ही  फल प्रदान करते हैं।

धनु राशि

धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है और जो कि आखिरी चरण में हैं। धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और इस राशि में शनि की साढ़ेसाती आर्थिक दृष्टि से अच्छी है। करियर और रोजगार के नए अवसर इस राशि के लोगों को प्रदान होंगे। हालांकि इस राशि के लोगों की सेहत खराब हो सकती है। वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रहें और किसी से भी विवाद करने से बचें। साथ में जमीन से जुड़े फैसले भी इस समय न करें।

करें ये उपाय

शनि की साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए धनु राशि के जातक शमी के वृक्ष की पूजा करें और इस पेड़ की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर इसे शनिवार को दाहिने हाथ में बांधे। उसके बाद ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।

मकर राशि

मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि महाराज हैं और इस समय शनि देव मकर राशि में ही विराजमान हैं। दरअसल साल 2020 में इस राशि में शनि ने प्रवेश किया था और इस साल भी इसी राशि में विराजमान रहेंगे। मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अभी दूसरा चरण है। शनि की साढ़ेसाती से स्थान परिवर्तन का योग बन रहा है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। रूके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे। करियर में बदलाव देखने को मिल सकता है। कहीं से शुभ समाचार भी सुनने को मिल सकता है।

करें ये उपाय

शनि की साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से बचने के लिए मकर राशि के लोग शिव की पूजा करें और शनिवार को इन्हें जल अर्पित करें। साथ में ही शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करें। ये पाठ पढ़ने सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाएंगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। साढ़ेसाती के प्रभाव से कुंभ राशि के जातकों की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और काम का बोझ भी एकदम से बढ़ जाएगा। मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलेगी। साथ में ही विदेश यात्रा का योग भी बन रहा है। हालांकि किसी से विवाद न करें और न ही गुस्सा करें।

करें ये उपाय

शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें। पूजा करते हुए नीले रंग के फूल इन्हें अर्पित करें। साथ में ही काले रंग की बाती और तिल के तेल का दीप भी जलाएं। इसके अलावा महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें। शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास दीपक जाएं।

तुला और मिथुन राशि

इन दोनों राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इन राशि वाले लोग शनिवार को मंदिर में जाकर शनिदेव और हनुमान जी का पूजन करें। पूजा करते हुए इन्हें तेल अर्पित करें। साथ में ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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