स्वास्थ्य

नागरमोथा कई गुणों से भरपूर है, बुखार से लेकर इन रोगों को करें मिनटों में दूर

नागरमोथा (Nagarmotha) एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग कई प्रकार की दवाओं को बनाने में किया जाता है। नागरमोथा को खाने से कई रोगों से निजात मिल जाती है। इसे कई लोग मोथा भी कहते हैं। नागरमोथा खरपतवारनुमा पौधा है और इसके फल, जड़ और फूल कई प्रकार के गुणों से भरपूर होते हैं। नागरमोथा का पौधे ज्यादा लंबा नहीं होता है और इसकी लंबाई 7-40 सेमी तक ही होती है। इसके पत्ते देखने में हरे रंग के होते हैं, जबकि जड़ों का रंग भूरा होता है।

नागरमोथा (Nagarmotha)

नागरमोथा(Nagarmotha) पौधा अधिकतर पानी वाली जगह पर पाया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है और इसका बीज नारियल की तरह दिखता है। आयुर्वेद में इस पौधे को काफी लाभजनक माना गया है और इसका प्रयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं के बनाने में किया जाता है। नागरमोथा के बारे में इतना कुछ जाने के बाद आई जानते हैं कि इसे खाने से क्या लाभ जुड़े हुए हैं।

नागरमोथा के फायदे (Benefits of nagarmotha)

आंखों के लिए उत्तम नागरमोथा

लालपन, ड्राइनेस, रात में कम दिखना या धुंधला दिखाई देने की समस्या होने पर नागरमोथा का प्रयोग करें। आंखों से जुड़े इन रोगों को दूर करने में ये सहायक साबित होता है और इसकी मदद से ये सभी समस्या दूर हो जाती हैं। ऊपर बताई गई कोई भी परेशानी होने पर आप नागरमोथा का प्रयोग कर लें।

नागरमोथा को बकरी के दूध और पानी के साथ घिस लें और इसका पतला सा लेप तैयार कर लें। फिर इस लेप को आंखों में काजल की तरह लगाएं। ये लैप आंखों में लगाने से राहत मिल जाएगी। हालांकि आप इसका प्रयोग करने से पहले एक बार किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें और उसके कहने पर ही इसका प्रयोग करें। क्योंकि कई लोगों पर इसका गलत असर भी पड़ सकता है और आंखों की परेशानी ओर बढ़ सकती है।

नागरमोथा से सूखी खांसी हो दूर

सूखी खांसी की समस्या होना आम बात है। अगर आपको भी सूखी खांसी हो जाए तो आप बस नागरमोथा का प्रयोग कर लें। नागरमोथा का काढ़ा पीने से सूखी खांसी सही हो जाएगी और आपको आराम पहुंच जाएगा। एक बर्तन में पानी भर लें। फिर इसके अंदर नागरमोथा को डाल दें। इस पानी को अच्छे से उबाल लें और जब ये उबलकर आधे से कम रहे जाए तो गैस बंद कर दें। फिर काढ़े को निकाल लें और इसमें शहद मिला दें। ये काढ़ा दिन में तीन बार पीएं, आपको आराम पहुंचेगा और खांसी की समस्या दूर हो जाएगी। हालांकि अगर आपको जुकाम हो तो आप इसे न पीएं। क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और ऐसे में इसे खाने से जुकाम बढ़ सकता है।

नागरमोथा से बुखार से मिले आराम

बुखार की समस्या होने पर दवाई खाने की जगह नागरमोथा का प्रोयग करें। इसका काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है और शरीर में शक्ति भी आ जाती है। आप नागरमोथा का काढ़ा बनाते समय उसमें गिलोय का पानी मिला दें। दोनों को मिलाकर अच्छे से उबाल लें। फिर इस काढ़ें को पी लें। ये काढ़ा दिन में तीन बार पीने से बुखार दूर हो जाएगा।

नागरमोथा (Nagarmotha)

काढ़े में अगर आप चाहें तो काली मूसली और सोंठ भी मिला सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार नागरमोथा टायफायड बुखार को ठीक करने में भी फायदेमंद साबित होता है।

नागरमोथा से माहवारी से मिले आराम

माहवारी के समय महिलाओं के पेट में दर्द की शिकयत हो जाती है। कई महिलाओं को तो ये दर्द इस कदर होता है कि उन्हें दवाई तक खानी पड़ जाती है। अगर आपको भी माहवारी के समय दर्द होती है। तो आप नागरमोथा का काढ़ा पी लें। नागरमोथा का काढ़ा पीने से दर्द से आराम मिल जाएगी और एकदम से ये दूर हो जाएगी। पेट में दर्द के अलावा ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या भी नागरमोथा का काढ़ा पीने से भाग जाएगी।

नागरमोथा त्वचा रोगों को करे दूर

त्वचा के कई रोगों को दूर करने में ये बेहद ही गुणकारी होता है। इस पौधे में एंटी-इंफ्लामेंटरी गुण पाए जाते हैं। जो त्वचा रोगों को जड़ से खत्म कर देते हैं। त्वचा से जुड़ी परेशानी होने पर इस पौधे का लेप लगना उत्तम फल प्रदान करता है। इतना ही नहीं ये झुर्रियों कम करने और रंगत को भी निखाने में कारगर माना जाता है।

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