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एक क्रिकेट मैच ऐसा भी: व्हीलचेयर पर बैठ दिव्यांगों ने मारे चौके-छक्के, देखते रह गए दर्शक- Pics

क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें लगभग हर भारतीय की दिलचस्पी होती है। गली गली इसे खेला जाता है। बच्चे, बड़े और महिलाएं हर कोई इन्हें खेल लेते हैं। इस बीच आज हम आपको एक ऐसा क्रिकेट मैच दिखाने जा रहे हैं जिसे आप ने आज से पहले कभी नहीं देखा होगा। दरअसल शुक्रवार को वाराणसी में राजर्षि राजित प्रसाद यादव मेमोरियल व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन रखा गया था।

यह मैच काशी के सिगरा स्टेडियम में पहली बार हो रहा था। इस मैच में पूर्वांचल के कई क्रिकेट प्रेमी दिव्यांगो ने हिस्सा लिया। इन दिव्यांगों ने व्हीलचेयर पर बैठे होने के बावजूद क्रिकेट मैच में जान डाल दी। किसी ने व्हीलचेयर से ही शानदार बाल स्पिन की तो कोई इसी व्हीलचेयर पर बैठे बैठे चौके-छक्के लगाते नजर आया।

दिव्यांगों द्वारा एक से बढ़कर एक शॉट्स देख वहां मौजूद दर्शक भी हैरान थे। बताते चलें कि इन दिव्यांगों को व्हीलचेयर पर क्रिकेट का अनोखा मैच खेलता देखने स्टेडियम में भारी संख्या में लोग जमा होने लगे थे। हैरत की बात ये थी कि बल्ले से शॉट मारने के बाद ये दिव्यांग व्हीलचेयर पर ही सिंगल और डबल दौड़ कर रन ले रहे थे।

यह मैच 16 -16 ओवर का हुआ था। पहले दिन यहां संभव पैरा स्पोर्ट्स एकेडमी और किंग ऑफ मिर्जापुर टीमें आपस में भिड़ी। यह मैच  उत्तर प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा किया गया था। इसके माध्यम से दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी सोसाइटी को ये मैसेज देना चाह रहे थे कि यदि आपके इरादें मजबूत हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

केंद्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड डॉ उत्तम ओझा के मुताबिक फिलहाल ये प्रतियोगता जिला स्तर पर हो रही है, आगे चलकर इसे राज्य और अखिल भारतीय स्तर पर करवाकर टूर्नामेंट खिलाए जाएंगे। इससे दिव्यांगों का हौसला बुलंद होगा। उन्हें फील्ड में उतर दुनिया को ये दिखाने का अवसर मिलेगा कि हम भी किसी से कम नहीं है।

आपको जान हैरानी होगी कि इस क्रिकेट मैच में कुछ दिव्यांग ऐसे भी हैं जो ओलंपिक के लिए कोशिश कर रहे हैं। यदि उनका सिलेक्शन होता है तो वह निश्चित रूप से दुनिया के सामने नई मिसाल कायम करेंगे। वैसे जब लोग इन दिव्यांगों को जोश के साथ क्रिकेट मैच खेलता देखते हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता है कि ये लोग दिव्यांग है।

वनारस के दवा व्यवसायी संतोष पांडेय भी इस क्रिकेट मैच का हिस्सा हैं। उनके स्पाइनल में प्रॉब्लम है। लेकिन जब वे मैदान में कैप्टन बन उतरते हैं तो उनका जोश और उत्साह लाजवाब होता है। वह निडरता के साथ क्रिकेट खेलते हैं। वे कहते हैं कि यदि आप गिरने से डरोगे तो जरूर गिर जाओगे। वैसे भी खेल में गिरना उठना चलता रहता है।

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