राजनीति

मोदी के गढ़ गुजरात में अरविन्द केजरीवाल की दहाड़ कहा हम ‘हम 27 हैं, वो 93 हैं, फिर भी उन पर भारी

आम आदमी पार्टी अब धीरे-धीरे राज्य पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर आगे बढ़ रही है. आम आदमी पार्टी ने सूरत नगर निगम चुनाव में 27 सीटों पर जीत हासिल की है जिसके बाद संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सूरत के लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है. सूरत नगर निगम चुनाव नतीजों में गुजरात की राजनीति में AAP की जबरदस्त एंट्री हुई है.

आपको बता दें कि पार्टी को सूरत नगर निगम की 27 सीटों पर काफी सराहनीय जीत हासिल हुई है. वहीं सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने गुजरात में छह नगर निगमों में 576 सीटों में से 483 सीटों पर जीत दर्ज की है. सूरत नगर निगम में, भाजपा ने 120 में से 93 सीटें जीतकर सत्ता में खुद को काबिज़ रखा है. वहीं बची हुई सीटे  AAP के नाम हुई है. वहीं एक बार फिर कोंग्रेस की इन चुनावों में बेज्जती हुई है. पिछले चुनाव में 36 सीटें जीतने वाली कांग्रेस शून्य पर सिमट गई है.

वहीं इस बार विपक्ष की भूमिका अरविन्द केजरीवाल की पार्टी ने ले ली है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपने समर्थकों से कहा, ‘अगर वे 93 हैं तो हम 27 हैं. नंबर इतने जरुरी नहीं हैं. हमारी पार्टी में हर एक कार्यकर्ता 10 के बराबर है. सूरत के लोगों ने आपको विपक्ष के रूप में चुना है. BJP को सूरत में कुछ भी गलत न करने दें.’ केजरीवाल ने अपने रोड शो के होने से पहले नवनिर्वाचित पार्षदों से बात करते हुए कहा, सबसे पहले आप अपना कार्यालय खोले, लोगों की समस्या हल करने के लिए अपना फोन नंबर दें और जरुरत पड़ने पर रात के 2 बजे भी मदद करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है.

केजरीवाल ने पार्षदों से कहा, ‘जनता सब कुछ सह लेती है लेकिन वे अंहकार और अपमान का घूंट नहीं पी सकती है. हमें कभी भी इंसान को अपमानित नहीं करना चाहिए जो हमारे पास मदद लेने के लिए आता है.’ आपको बता दें कि अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आप ने पहली बार गुजरात नगर निगम चुनाव लड़ते हुए 470 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. चुनाव में AAP को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) समर्थन मिला था.

यह समिति पटेल समुदाय को कोटा दिलाने के लिए लड़ रही है. इस संगठन का नेतृत्व कभी हार्दिक पटेल कर रहे थे, जो अब गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बने हुए हैं. इसी समिति के कारण 2015 में भाजपा विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस ने पिछले निकाय चुनावों में 36 सीटों पर जीत हासिल की थी. जहां यह जीत मिली थी वह सभी सूरत के पाटीदार बहुल इलाके थे.

वहीं 2017 के गुजरात चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रचार के बावजूद AAP एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. इस जीत के बाद AAP के गुजरात प्रमुख, गोपाल इटालिया ने कहा कि उनकी पार्टी अब खुद को गुजरात में लोगों के बीच एक उभरते हुए नए विकल्प के रूप में प्रस्तुत करेगी और इसकी शुरुआत सूरत से ही की जाएगी.

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