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बोरिंग में पानी की जगह निकली आग की लपटे, मध्यप्रदेश के 24गांवों में जहां भी खोदो दिखा ऐसा नजारा

आमतौर पर लोग जब भी जमीन में बोरिंग खुदवाते हैं तो उम्मीद करते हैं कि इसके अंदर से ढेर सारा पानी निकलेगा। लेकिन मध्य प्रदेश के दामोह जिले में जब लोगों ने घर के खेतों में बोरिंग खुदवाई तो उसमें से पानी की जगह आग की लपटे निकलने लगी।

दरअसल दमोह जिले के करीब 24 गांव इस समय कुएं और बोरिंग से मीथेन गैस निकलने की वजह से चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में जांच के दौरान ONGC की टीम को पता चला कि इन 24 गांवों में मीथेन गैस का भंडार है। अपनी जांच के दौरान ONGC की टीम ने लगभग 1120 करोड़ रुपए खर्च कर 28 कुएं खोदे डालें। इस दौरान सेमरा रामनगर गांव में एक कुएं में ज्वलनशील गैस मिली।

ONGC टीम ने यहां के आसपास के इलाकों में भी बोरिंग चेक की तो वहां भी गैस निकलती दिखाई दी। अब आठ ऐसे कुओं की खोज की जा रही है जहां बड़ी मात्रा में मीथेन का भंडार मिलने के आसार हैं। उधर कमता गांव में 12 किसानों के भी उस समय होश उड़ गए जब उनके खेतों की बोरिंग से पानी की बजे गैस निकलने लगी। इस गैस के निकलने की पुष्टि खुद ONGC के वैज्ञानिक डॉ. एनपी सिंह ने की है।

गैस निकलने के कारण पर बात करते हुए ONGC के अधिकारियों ने बताया कि दमोह में 10 से 20 हजार साल पहले जीवाश्म बहुत प्रचुर मात्रा रहे होंगे। इतनी अधिक संख्या में मारे जीव-जंतुओं के अवशेष में अधिक मात्रा में तेल मौजूद था जिसका समय रहते दोहन नहीं हो सका। ऐसे में यह अब गैस में बदल गया है।

बताते चलें कि यहां आसपास के कई गांवों में बोरिंग से गैस की गंध आने जैसे मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दमोह जिले के हटा क्षेत्र के कमता गांव में बीते 2 सालों से नलकूपों की खुदाई के दौरान गैस रिसाव की खबर आ रही है।

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जब हमने बोरिंग में मशीन डाली तो उसमें से गैस की गंध आने लगी। ऐसे में जब हमने माचिस की तीली से चेक किया तो पानी में कुछ देर के लिए आग लग गई। ये घटना जैसे ही गाँव में फैली तो सनसनी मच गई। फिर लोगों ने गाँव में और कई दर्जनों बोरिंग खुदवाई जिसमें माचिस की तीली बताते ही आग की लपटे पैदा होने लगी।

इस घटना के बाद ONGC के वैज्ञानिक डॉ. एनपी सिंह यह कार्ययोजना बना रहे हैं कि गैस के भंडार वाले इन गांवों में खुदाई किस प्रकार की जाए।

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