अध्यात्म

वैदिक ज्योतिष में गाय को बताया गया है पूजनीय, गौमाता से जुड़े ये उपाय खोल देते हैं भाग्य

हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय माना गया है और गाय की पूजा करने से पापों का नष्ट हो जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था। तो उस दौरान निकले 14 रत्नों में से एक रत्न कामधेनु गाय थी। इसलिए गाय को पवित्र स्थान हिंदू धर्म में दिया गया है। मान्यता है कि गाय के अंदर करोड़ों देवी-देवता वास करते हैं। इसलिए गाय की पूजा करने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिल जाता है।

रामायण, महाभारत, भगवद् गीता में गाय का उल्लेख किया गया है। भगवान कृष्ण जी को गाय काफी पसंद हुआ करती थी और ये रोज इनकी सेवा किया करते थे। ग्रंथों में गौ को पृथ्वी का प्रतीक भी माना गया है।

गाय की पूजा का महत्व-

पूर्व-दक्षिण-दिशा में जमीन पर गाय का प्रतीक लगाना शुभ माना गया है। ऐसा करने से दुःख, मन की परेशानी एवं चिंता दूर हो जाती है और सकारात्मक उर्जा बढ़ती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार गाय की सेवा करना उत्तम फल देता है। जो लोग घर में गाय रखते हैं और गाय की सेवा करते हैं, उनके परिवार में सुख-सौभाग्य बना रहता है।

बछड़े को दूध पिला रही गाय की फोटो अगर घर में लगाई जाए तो संतान प्राप्ति हो जाती है। इसलिए जो लोग संतान के सुख से अभी तक वंचित हैं, वो लोग घर में गाय की फोटो जरूर लगाएं और इसे रोज दखें।

छात्र अगर अपने कमरे में गाय की फोटो लगाते हैं तो उनकी एकाग्रता बढ़ती हैं और उनका ध्यान पढ़ाई में अधिक लगता है। फलस्वरूप उनको अच्छे अंकों की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषशास्त्र में गाय का महत्व बताते हुए कहा गया है कि सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु के साथ-साथ वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ में दी हुई प्रत्येक आहुति गाय के घी से देनी चाहिए। ऐसा करने पर ही पूजा पूर्ण होती है। इसी प्रकार से पूजा के दौरान हमेशा गाय के ही दूध का प्रयोग करना चाहिए।

गौ दान करने से हर कामना पूर्ण हो जाती है। इसी प्रकार से ग्रह भारी होने पर रोज गाय को रोटी और गुड़ खिलाना भी शुभ फल देता है।

 

ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के अनुसार संध्या काल में जब गाय जंगल से घास खाकर आती है तब गाय के खुरों से उड़ने वाली धूल पापों का नाश कर देती है।

मंगल ग्रह भारी होने पर गाय की पूजा और सेवा करें। लाल रंग की गाय की सेवा व गरीब ब्राह्मण को गोदान करने से मंगल का प्रभाव कम होने लग जाता है।

शनि की दशा, अन्तर्दशा और साढ़ेसाती से मुक्ति पाने के लिए काली गाय का दान करना उत्तम फल देता है।

बुध ग्रह आपके अनुकूल बना रहे। इसलिए गायों को हरा चारा खिलाएं। पितृदोष होने पर गाय को प्रतिदिन या अमावस्या के दिन चने खिलाएं।

आर्थिक स्थित खराब होने पर गाय की सेवा पूजा करें। ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न हो जाएगी और धन से जुड़ी समस्या खत्म हो जाएंगी।

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