राजनीति

पश्चिम बंगाल में शिवसेना का यह ऐलान ममता बनर्जी के लिए किसी अमृत से कम नहीं है

महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. इस बात की जानकारी रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने ट्वीट के माध्यम से दी. संजय राउत ने अपने ट्वीट में बताया कि ‘महाराष्ट्र सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात करने के बाद पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह बंगाल चुनाव लड़ेगी. हम कोलकाता जा रहे हैं.’

 

इस मामले में बंगाल में शिवसेना के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने बताया है कि शिवसेना की बंगाल राज्य में कोई मौजूदगी नहीं है. उनका केवल एकमात्र एजेंडा है टीएमसी की मदद करना और बीजेपी को किसी भी तरह हराना.

 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना- कांग्रेस और एनसीपी के साथ अपनी गठबंधन वाली सरकार को चला रही है और उद्धव ठाकरे इस सरकार की अगुआई कर रहे हैं. इस घोषणा के बारे में जब बंगाल में शिवसेना के महासचिव अशोक सरकार से पूछा गया तो उन्होंने कहा है कि हमारी पार्टी ने बंगाल में 294 सीटों में से कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हम इसी निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगे.

 

इसके अलावा अशोक सरकार ने कहा है कि उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अनिल देसाई और संजय राउत पश्चिम बंगाल आने वाले हैं और चुनाव का प्रचार करने वाले है.

अशोक सरकार के अनुसार एक फरवरी को बंगाल के नेताओं को मीटिंग के लिए दिल्ली बुलाया गया है. बंगाल शिवसेना महासचिव ने कहा है मैं अभी मालदा में कैंप पर हूं.इसके बाद मैं अलीपुरद्वार और अन्य उत्तर बंगाल जिलों की यात्रा पर रहूँगा. उनके अनुसार अगले दो हफ्तों में मालदा जिले में लगभग 12000 बीजेपी कार्यकर्ता शिवसेना का हिस्सा बन सकते है.

सरकार ने कहा कि शिवसेना दक्षिण 24 परगना, पुरुलिया, मिदनापुर, उत्तर 24 परगना, अलीपुरद्वार, मुर्शिदाबाद, नादिया, मालदा और कुछ अन्य जिलों की सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

बिहार चुनाव में शिवसेना ने खाई थी मुँह की.
बंगाल चुनाव में उतरने की कसमें खाने वाली शिवसेना ने इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में भी आपकी किस्मत आज़माई थी. इस चुनाव में शिवसेना ने 22 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से 21 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में शिवसेना के सभी 22 उम्मीदवारों को मिलाकर सिर्फ 20195 वोट ही मिले थे. यह वोट कुल वोटों का 0.05 फीसदी था.

ज्ञात हो कि साल 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना उम्मीदवारों को इतने कम वोट मिले थे कि उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी. उस वक़्त शिवसेना ने 73 उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे. बता दें कि शिवसेना अपने अस्तित्व के समय से महाराष्ट्र में अपना मानुष का नारा लगाते रही है और अन्य राज्यों के लोगों का बहिष्कार करते रही है. बिहार चुनाव उसी का परिणाम हो सकता है. बंगाल शिवसेना के लिए क्या रंग लेकर आयने वाला है, ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा.

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