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सुशांत केस की मिस्ट्री हल करेंगे बिहार के सुपर कॉप्स मनु महाराज, जल्द भेजा जाएगा मुंबई

सुशांत सिंह राजपूत की मौत की मिस्ट्री रोज गहराती जा रही है और इस मिस्ट्री को हल करने में बिहार पुलिस दिन रात काम कर रही है। लेकिन मुंबई पुलिस की और से मदद ना मिलने पर बिहार पुलिस को खासा परेशानी हो रही है। हालांकि फिर भी बिहार पुलिस ने इस केस की जांच जारी रखी है और बेहद ही अच्छे तरह से ये केस हल करने में लगी हुई है। बिहार पुलिस इस केस की हर पहलू से जांच कर रही है और ये पता लगाने में लगी हुई है कि आखिर सुशांत ने किस कारण इतना बड़ा कदम उठाया था। वहीं इस केस को जल्द से जल्द हल किया जा सके। इसके लिए बिहार पुलिस के सुपर कॉर्प माने जाने वाले डीआइजी रैंक के अधिकारी को मुंबई भेजा जा सकता है।

बिहार पुलिस मुख्यालय सूत्रों की मानें तो मुंगेर डीआइजी मनु महाराज, एटीएस डीआइजी विकास वैभव और एसटीएफ डीआइजी विनय कुमार में से किसी एक को इस केस की जांच सौंपी जा सकती है और आने वाले दिनों में इनमें से किसी एक को मुंबई भेजा जा सकता है। ये तीनों कॉर्प बेहद ही शातिर माने जाते हैं। इसलिए बिहार पुलिस सुशांत की मौत की उलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए इनमें से किसी एक को जांच सौंपने पर विचार कर रही है।

सुलझाएं हैं बड़े केस

ये तीनों बिहार के सुपर कॉर्प हैं। इन तीनों ने प्रदेश के कई अनसुलझे क्राइम को हल किया है और क्राइम से जुड़े अपराधियों को जेल के अंदर डाला है। ऐसे में बिहार पुलिस इनकी मदद से सुशांत केस को भी हल करने पर विचार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पटना सिटी एसपी आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटाइन किए जाने के बाद से मुंबई में मौजूद बिहार एसआईटी टीम ने खुद को अंडरग्राउंड कर लिया है। कहा जा रहा है कि पटना पुलिस की टीम की तलाश करने के लिए बीएमसी कई होटलों में पहुंची थी। लेकिन समय से पहले ही बिहार एसआईटी टीम ने खुद को अंडरग्राउंड कर लिया है। ताकि उनको केस की जांच करने से रोका ना जा सके। सूत्रों की मानें तो कल बिहार पुलिस टीम ने कुछ देर तक जांच की और उसके बाद खुद को अंडरग्राउंड कर लिया।

दरअसल बिहार एसआईटी टीम कई दिनों से मुंबई में सुशांत केस की जांच कर रही है। बिहार एसआईटी टीम की और से इस केस की जांच अच्छे से की जा रही है। जिसके कारण मुंबई पुलिस पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं बिहार एसआईटी टीम को जांच करने में और मदद मिल सके इसके लिए आईपीएस विनय तिवारी को मुंबई भेजा गया था। लेकिन मुंबई पहुंचने के बाद इन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया। ताकि ये इस केस की जांच में शामिल ना हो सके।

वहीं मुंबई पुलिस के इस कदम की हर किसी ने आलोचना की है। वहीं इस मामले को लेकर बिहार पुलिस के डीजीपी ने कहा कि मुंबई पुलिस जानबूझकर ये कर रही है और एसआईटी की जांच को प्रभावित करना चाहती है। हालांकि मुंबई पुलिस का कहना है कि ये केस बिहार पुलिस के दायरे में नहीं आता है।

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