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PMO का बड़ा बयान, कहा- ‘चीन ने की थी कब्जे की कोशिश, पर सैनिकों ने किया नाकाम’

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को चीन के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने कहा था कि भारतीय क्षेत्र में कोई भी नहीं घुसा है और ना ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया है। अब प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर सरकार ने स्पष्टीकरण जारी की है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी नए बयान में ये स्पष्ट किया है कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास तो किया था, मगर हमारे जाबांज सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर ढांचागत निर्माण और अतिक्रमण की साजिश को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।

पीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी के वक्तव्य की कुछ जगह गलत व्याख्या की गई है। जबकि पीएम ने साफ कहा था कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा में होने वाले अतिक्रमण की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देगा। पीएमओ ने कहा कि असल में पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया था कि पिछले कुछ समय से इन चुनौतियों को नजरअंदाज किए जाने की परिपाटी से उलट अब भारतीय सेना एलएसी के किसी भी तरह के उल्लंघन का निर्णायक ढंग से कारारा जवाब देती है। पीएम ने स्पष्ट कहा था ‘उन्हें रोकते हैं, उन्हें टोकते हैं।

सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था ये

पीएम मोदी ने चीन मुद्दे पर हुए सर्वदलीय बैठक में सभी को ये जानकारी दी कि चीन इस बार साजिशन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में आई है और भारतीय सेना ने बखूबी इसका जवाब भी दिया है। पीएम ने बताया कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके स्ट्रक्टर का निर्माण कर रहा था और उन्हें चेतावनी देने के बावजूद काम नहीं रोका गया। इसी का परिणाम था कि 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी।

पीएम कार्यालय की ओर से जारी स्पष्टीकरण में ये कहा गया है कि पीएम की टिप्पणी का पूरा फोकस गलवान घाटी में 15 जून को हुए हिंसक झड़प पर था, जिसके कारण 20 भारतीय जवानों की शहादत हुई। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने जाबांज देशभक्त सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने चीन के साजिशन हमले का पूरे दम खम से सामना किया।

हमारे सैनिकों ने चीन की कोशिश को किया नाकाम

पीएम का ये बयान कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में कोई भी चीनी सैनिक मौजूद नहीं है, ये बयान उस स्थिति से संदर्भित है जो हमारे जाबांज सैनिकों के बहादुरी से उत्पन्न हुई। 16 बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की शहादत ने चीनी सेना के भारतीय क्षेत्र में ढांचागत निर्माण के प्रयासों को पूरी तरह से विफल कर दिया।

गौरतलब हौ कि प्रधानमंत्री मोदी ने शब्दशः ये बात कही थी, ”जिन्होंने हमारी जमीन पर अतिक्रमण की कोशिश की उन्हें हमारी मातृभूमि के सपूतों ने कड़ा सबक सिखाया। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगी।” इसके अलाव पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय सीमा भारत के नक्शे से स्पष्ट है। और हमारी सरकार मजबूती के साथ उसके प्रति वचनबद्ध है। सर्वदलीय बैठक में पीएम ने ये भी कहा कि ‘कैसे पिछले साठ वर्षों में 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक हिस्से पर चीन ने अवैध कब्जा जमा लिया, ये पूरे देश को बहुत अच्छे से पता है।’

पीएम मोदी ने सभी दलों को ये भी बताया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा परिवर्तन की कतई इजाजत नहीं होगी। हमारे सैनिक, जो हमारे सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं उनका मनोबल कम करने के लिए बेवजह विवाद पैदा किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि इस समय सर्वदलीय बैठक बुलाने का एक ही मकशद है कि सरकार और सशस्त्र सेनाओं को एकमत से समर्थन की थी। हमें विश्वास है कि इस प्रोपेगैंडा प्रचार से भारतीयों की एकता कमजोर नहीं होगी।

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