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दिल्ली वालों का तेल निकाल रहे हैं केजरीवाल, शराब के बाद पेट्रोल -डीजल के दामों को भी बढ़ाया गया

कोरोना संक्रमण रोकने में असमर्थ होने के बाद, इस तरह जेब भर रहे हैं केजरीवाल

लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार के पास पैसों की काफी कमी आ रही है और इसी कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार चीजों के दामों को बढ़ाने में लगी हुई है। ताकि टैक्स की मदद से राजस्व को बढ़ाया जा सके। दिल्ली सरकार ने राजस्व में कमी आने के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमित दी थी। वहीं आज सरकार ने शराब के दामों में बढ़ोतरी कर दी है और शराब पर टैक्स 70 फीसदी कर दिया है। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार ने पैट्रोल और डीजल के दामों को भी बढ़ा दिया है, जिससे दिल्ली में पेट्रोल 1.67 रुपये और डीजल 7.10 रुपये महंगा हो गया है।

कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ते असर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ये दो बड़े फैसला लिए हैं। दिल्ली सरकार ने शराब के बाद पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाने का ऐलान आज किया है। सरकार ने पेट्रोल पर वैट को बढ़ाकर 27 फीसदी से 30 फीसदी कर दिया गया है। जबकि डीजल पर 16.77 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया गया है। जिससे की पेट्रोल ₹1.67 और डीज़ल ₹7.10 महंगा हो चुका है। वहीं सरकार के इस फैसले से दिल्ली के वासियों पर खासा बोझ पड़ रहा है।

इतने हुए दाम

पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने के साथ ही दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.26 प्रति लीटर हो गई है और डीजल की कीमत बढ़कर 69.29 प्रति लीटर हो गई है। वहीं दाम बढ़ाने को लेकर दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक ट्वीट भी किया है और इस ट्वीट में सफाई देते हुए लिखा है कि जीवन सिर्फ इंद्रधनुषी और आनंददायक ही नहीं होता है। कठिन समय में कठिन समाधान की जरूरत होते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने दी ये सफाई

वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने भी सरकार के वैट बढ़ाने के फैसले पर सफाई देते हुए कहा है कि इस महीने टैक्स कलेक्शन 10 फीसदी ही हुआ है और दिल्ली सरकार के पास टैक्स बिल्कुल नहीं आ रहा है। जिससे की राजस्व घट रहा है। डॉक्टरों को तनख्वाह देने के लिए और कोरोना के ऊपर खर्चा करने के लिए पैसे चाहिए और इसलिए वैट को बढ़ाया गया है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा है और इसी नुकसान को कम करने के लिए ये सख्त कदम उठाए गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार लॉकडाउन के कारण सरकार का अप्रैल का रेवेन्यू 3500 करोड़ रुपये से घटकर 300 करोड़ रुपये ही रह गया है।

 

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