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गुज़ारे के लिए जूते पॉलिश करता, मां बेचती थी गुब्बारे, बिना किसी गुरू के ऐसे बन गया इंडियन आइडल

रिएलिटी शोज में कंटेंस्टेंट्स जब अपने जीवन की बातें बताते हैं तो सच में उसे सुनकर यही लगता है कि ऊपरवाला टैलेंट देने में अमीर-गरीब नहीं देखता। कुछ ऐसे ही टैलेंट के साथ इंडियन आइडल के मंच पर आए थे सनी हिंदुस्तानी, और 11वें सीजन के खिताब के साथ उनकी घर वापसी हुई। गरीबी से अपनी जिंदगी गुजारने वाले सनी के दो वक्त की रोटी के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता था और इंडियन आइडल के इस विनर की कहानी पर आपका दिल भी रो देगा। चलिए बताते हैं इनके बारे में कुछ बातें…

गरीबी भरी जिंदगी जीते थे इंडियन आइडल के विनर

23 फरवरी, रविवार को मुंबई में आयोजित इंडियन आइडल-11 का ग्रैंड फिनाले में कई बड़े सितारे शामिल हुए थे। इसमें 4 कंटेस्टेंट को मात देते हुए सनी हिंदुस्तानी विनर बन गए और इन्हें चमचमाती ट्रॉफी के साथ 25 लाख रुपये की इनाम राशि दी गई। इसके साथ ही इन्हें टाटा अल्ट्रोज कार भी तोहफे में मिली। दौलत और शोहरत पाने वाले सनी ने अपनी आवाज के बदौलत एक नया मुकाम हासिल किया लेकिन वे अपने उन दिनों को नहीं भूले हैं जब वे इंडियन आइडल में आने के पहले बिता रहे थे। पंजाब के बठिंडा में स्थित अमरपुरा बस्ती के रहने वाले सनी हिंदुस्तानी शो में आने से पहले सड़क के किनारे जूते पॉलिश किया करते थे। इनकी मां गुब्बारे बेचती थीं तब जाकर इनके घर में दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पाता था।

सनी ने खुद इस बारे में बताया कि कई बार हालात ऐसे हो जाते थे कि उनकी मां को दूसरे के घरों से अनाज मांगना पड़ता था और ये देखकर उन्हें काफी बुरा लगता था। छोटी सी उम्र में सनी ने अपने घर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। गरीबी भरी जिंदगी जीने वाले सनी के घर में जहां दो वक्त की रोटी का इंतजाम मुश्किल से होता था वहीं उनके गाने को सुनकर जजेस भी हैरान हो जाते थे।

सनी की आवाज का कायल हर कोई था और ना सिर्फ दर्शक इनके गानों में मंत्रमुग्ध हो जाते थे बल्कि जजेस की पैनल हिमेश रेशमिया, नेहा कक्कड़ और विशाल दादलानी भी इन्हें सुनते रह जाते थे। वे कहते हैं कि सनी के गाने सुनने पर नुसरत फतह अली खान की याद आ जाती है। सनी को गाने का शौक बचपन से ही था और इन्होने कभी भी संगीत की शिक्षा नहीं ली क्योंकि इसके लिए इनके पास पैसे नहीं थे बस इन्होने संगीत गाने सुनकर और खुद रियास करके ही सीखा है। एक एपिसोड में सनी ने खुद बताया था कि वे बहुत छोटे थे तब से नुसरत फतह अली खान के गानों को सुनते थे और उन्होने एक दरगाह पर वो हरा रहे हैं परदा सुना था।

इस गाने को सुनकर सनी रोने लगे थे और यहीं से उन्हें गायकी का शौक चढ़ा था। इसके बाद उन्होने नुसरत फतह अली खान के गानों पर रियास करना शुरु कर दिया। आपको बता दें कि सनी को शो के दौरान ही शंकर महादेवन ने एक सुनहरा मौका दे दिया है। सनी को कंगना की फिल्म पंगा के लिए एक गाने का मौका दिया गया था और सनी ये गाना शंकर महादेवन के साथ गाया जिसे जावेद अख्तर ने अपने बोल में पिरोया है।

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