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जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग का लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया केंद्र सरकार को नोटिस

जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक नोटिस जारी किया है और केंद्र सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कई तरह के सवाल किए हैं। दरअसल लंबे समय से देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग चली आ रही है। लेकिन अभी तक इस कानून पर केंद्र सरकार की और से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी और इस याचिका में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की गई है। इस याचिका के चलते सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को नोटिस जारी किया गया है।

जो याचिका कोर्ट में दायर की गई है उसमें कहा गया है कि संविधान में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने का प्रावधान है। मगर सरकार इस कानून को बनाने से बच रही हैं। बिना इस कानून के नागरिकों को संविधान में दिए गए स्वास्थ्य, शिक्षा, साफ हवा जैसी मूलभूत अधिकार सुनिश्चित नहीं किए जा सकते। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से जुड़ी ये याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्वनी उपाध्यय द्वारा कोर्ट में दायर की गई है।

अपनी याचिका में अश्वनी उपाध्यय ने कहा है कि जनसंख्या विस्फोट, बम विस्फोट से अधिक खतरनाक है। इस समय हमारे देश की आबादी 150 करोड़ पहुंच गई है। आबादी के मामले में हमारा देश चीन से काफी आगे निकल गया है। इस समय देश मे 125 करोड़ आधार कार्ड बने हुए है और करीब 25 करोड़ की आबादी  बिना आधार के है। 5 करोड़ की आबादी घुसपैठियों की है। हमारे देश में कृषि योग्य भूमि मात्र 2% और पीने योग्य पानी मात्र 4% है। ऐसे में देश की बढ़ती आबादी एक चिंता का विशेष बनीं हुई है।

जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों नहीं बनाया गया

उपाध्याय ने अपनी याचिका में जनसंख्या नियंत्रण कानून ना बनाने को लेकर सवाल किया है और कहा है कि हमारे देश में कई तरह के कानून बनाए गए हैं। लेकिन अभी तक जनसंख्या नियंत्रण कानून क्यों नहीं बना। हम दो – हमारे दो, कानून बनाया जाए तो इस कानून से देश की करीब 50 फीसदी समस्या हल हो जाएंगी।

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इस कानून को बनाने से जुड़ी याचिकाओं के अनुसार अटल बिहारी वायपेयी की जब सरकार थी तो उस समय 11 सदस्यीय संविधान समीक्षा आयोग ने संविधान में अनुच्छेद 47 A जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझावा दिया था। लेकिन अभी तक ये लागू नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि देश की बढ़ती जनसंख्या का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी उठाया जा चुका है और अपने एक भाषण के दौरान मोदी ने जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत बताई थी। लेकिन अभी तक जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की और से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। जो कि एक चिंता का विषय हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट की और से जारी किए गए नोटिस के बाद शायद सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर और गंभीर हो जाए और आने वाले सालों में इस कानून को बना दें।

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