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भीख मांगने वाला ये शख्स निकला करोड़पति, 2 साल बाद घर का पता याद आने पर हुई पहचान
इस दुनिया में बहुत सी ऐसी बातें होती हैं जो समय आने पर जब सामने आती हैं तो हम हैरान हो जाते हैं। मानसिक स्थिति एक ऐसी चीज है जिसके सही रहने पर हम अपनी पहचान बनाने के लिए मरते रहते हैं लेकिन अगर पहचान नहीं होती है तो हम ऐसी जिंदगी जीते हैं जिसके लिए हम बनाए नहीं गए। कुछ ऐसा ही हुआ एक आदमी के साथ जो मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण हरियाणा पहुंच गया और भीख मांगने लगा लेकिन किस्मत ने उसे अपने परिवार से मिलवा दिया। शिनाख्त होने पर पता चला कि भीख मांगने वाला ये शख्स निकला करोड़पति, उसे उसकी बहन ने पहचाना, चलिए बताते हैं ये दिलचस्प कहानी।
भीख मांगने वाला ये शख्स निकला करोड़पति
हरियाणा के अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी के पास स्थित एक मंदिर में कुछ महीनों से एक आदमी भीख मांग रहा था। बाद में पता चला कि ये कोई भिखारी नहीं बल्कि करोड़पति है। दो बहनों के इस एकलौते भाई का ठिकाना पता चला कि ये आजमगढ़ का रहने वाला है। इसका असल नाम धनंजय ठाकुर है लेकिन मंडी में इसे लोग जटाधारी के नाम से पुकारते हैं। इनके पिता राधेश्याम सिंह कोलकाता की एक बड़ी कंपनी में एचआर के पद पर काम करते हैं। बीते दिनों धनंजय की छोटी बहन नेहा सिंह लखनऊ में अपने भाई को लेने पहुंची और फिर उन्होंने अपने लाडले भाई के बिछड़ने की कहानी बताई।
दरअसल हुआ यूं कि एक दिन धनंजय के पैर से खून बहने लगा तो गीता गोपाल संस्था के सदस्य ने उन्हें पट्टी कराने के लिए बुलाया। जब उनसे पूछा गया कि वे कहां के रहने वाले हैं तो उन्हें याद नहीं आ रहा था। मानसिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उनका ये हाल था मगर मुश्किल से उन्हें एक नंबर याद आया और उस नंबर पर जब फोन किया गया तब पता चला कि वो आजमगढ़ का नंबर है। फोन किसी शिशुपाल को कनेक्ट हुआ और इसके बाद साहिल नाम के व्यक्ति ने धनंजय के बारे में बताया ये भी पता चला कि शिशुपाल उसके ताऊ हैं। उन्होंने युवक का नाम धनंजय उर्फ धर्मेंद्र बताया। दो साल पहले वो घर से गायब हो गया था और जब उसकी बहन हरियाणा भाई को लेने पहुंची तो उसका हाल देखकर रोने लगी। बहन के मुंह से सिर्फ इतना निकला- धर्मेंद्र तुम्हे फोन नंबर याद था तो दो साल पहले ये फोन नहीं करवा सकते थे।
नेहा ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया कि इकलौता भाई होने के कारण धनंजय परिवार का लाडला है और बहुत ज्यादा जिद्दी भी। उसने ग्रेजुएशन किया है लेकिन उसे नशे की लत लग गई थी। इसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी थी और उसने एक दिन घर छोड़ दिया था। परिवार ने उसे बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मिला। अब तक घरवालों ने आस भी छोड़ दी थी। दो दिन पहले उन्होने बुआ से कहा था कि लगता है कि अब भाई दुनिया में नहीं है। बहन ने भाई के लिए गुरुवार के व्रत भी रखे और संयोग से इसी दिन भाई के जिंदा होने की खबर मिली।