राजनीति

एक साल के अंदर जमकर बढ़ी पार्टियों की कमाई, कांग्रेस पार्टी 361% बृद्धि के साथ पहले नंबर पर

हमारे देश की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियां यानी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी की आय एक साल के अंदर ही दोगुनी हो गई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल बीजेपी पार्टी को देश के सभी राजनीतिक दलों के मुकाबले सबसे अधिक चंदा मिला है। जिसके साथ ही ये पार्टी चंदा हासिल करने की सूची में प्रथम स्थान पर आ गई है। जबकि कांग्रेस पार्टी चंदा हासिल करने की सूची में दूसरे स्थान पर है। दरअसल सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप है और अपनी इस रिपोर्ट में पार्टियों द्वारा अपनी आय बताई गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार आय के मामले में बीजेपी पार्टी प्रथम स्थान पर है और कांग्रेस पार्ट दूसरे। एक साल के अंदर ही इन दोनों पार्टी को जमकर चंदे के जरिए पैसे मिले हैं जिससे इनकी आय दोगुनी हो गई है।

बीजेपी की कुल आय

वर्ष 2017-18 में बीजेपी पार्टी की कुल आय 1027 करोड़ रुपए थी, जिसमें एक साल के अंदर ही करीब 134 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। करीब 60 प्रतिशत हिस्सा इस पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए हासिल  हुआ है। इस समय बीजेपी पार्टी की आय 2410 करोड़ रुपए है। बीजेपी पार्टी को कुल आय का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा यानी 1450 करोड़ चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले हैं। वहीं पिछले साल बीजेपी पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए 210 करोड़ रुपए मिले थे।

कांग्रेस की कुल आय

कांग्रेस पार्टी चंदा मिलने के मामले में दूसरे स्थान पर है और इस पार्टी को भी लोगों द्वारा खूब सारा चंदा एक साल के अंदर दिया गया है। साल 2017-18 की तुलना में इस पार्टी की आय में करीब चार गुना इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष 2017-18 में कांग्रेस पार्टी की आय कुल 199 करोड़ रूपए थी। जो कि साल 2018-19 में बढ़कर 918 करोड़ रुपए हो गई है। कांग्रेस पार्टी की आय में एक साल के अंदर करीब 361 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ है। 918 करोड़ रुपए में से इस पार्टी को 383 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले हैं। वहीं साल 2018 में इस पार्टी को चुनावी बॉन्ड के तहत मात्र 5 करोड़ का चंदा ही मिला था।

क्या होता है चुनावी बॉन्ड

कई लोगों और व्यापारियों द्वारा अपनी मनपसंद राजनीतिक पार्टी को चंदा देने के लिए चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल किया जाता है। चुनावी बॉन्ड को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा जारी किया जाता है। जिसका इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए होता है। चुनावी बॉन्ड पर नोटों की तरह कीमत छपी होती है। चुनावी बॉन्ड्स एक हजार, दस हजार, एक लाख, 10 लाख और एक करोड़ रुपए के मल्टीपल्स में खरीदे जाते हैं और ये ब्याज मुक्त होते हैं। इन बॉन्ड को कई भी आदमी या कंपनी खरीद सकती है। इन्हें खरीदने के 15 दिन के अंदर ही इन बॉन्ड को अपनी मनपसंद पार्टी को देना अनिवार्य होता है।

वहीं पार्टी की आय से जुड़ी रिपोर्ट के सामने आने के बाद चुनावी बॉन्ड्स को लेकर पार्टी में अब विवाद भी शुरू हो गया है और राजनीतिक दल एक दूसरे से मिले चंदे पर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।

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