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श.ही.द बेटे को बिना देखे मां ने दी अंतिम विदाई, हाथ जोड़ ऐसे किया नमन फिर किया सैल्यूट

एक मां जब अपने बच्चों को खेलता देखती है तो वो सुखद एहसास सबसे खास होता है। उनकी फिक्र में वे अपना पूरा समय निकाल दती है और अगर बच्चा परेशान हो जाता है इस फिक्र से तो भी वो फिक्र करना नहीं छोड़ती है। लेकिन अगर उसी मां के सामने उसका जवान बेटा आखिरी सांस ले या उसका शव सामने आ जाए तो जरा सोचिए उस मां पर क्या बीतेगी? कुछ ऐसा ही हुआ एक मां के साथ जब शहीद बेटे को बिना देखे मां ने दी अंतिम विदाई और फिर क्या हुआ जरूर जानिए..

श.ही.द बेटे को बिना देखे मां ने दी अंतिम विदाई

जिस मां ने जन्म दिया, जिस पिता ने गोद में खिलाया, उसी बेटे को आखिरी बिदाई देते समय चेहरा नहीं देखना..ये हालत सिर्फ एक माता-पिता का दिल ही समझ सकता है। देश के लिए अपनी जान देने वाले इस नौजवान की मां को ऐसा करते देख आपका दिल भी पिघल जाएगा। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में शहीद हुए सुखविंदर सिंह का अंतिम संस्कार हो गया है।

पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर तिरंगे में लिपटा उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंचाया गया और उस दौरान वहां मौजूद लोगों भारत माता की जय और शहीद सुखविंदर सिंह अमर रहे के नारे लगाए गए। किसी को शहीद सुखविंदर का चेहरा नहीं दिखाया गया और उसके माता रानी देवी औऱ भाई गुरपाल सिंह शहीद जवान का चेहरा दिखाने के लिए बोलते रहे लेकिन अधिकारियों ने इसके लिए मना किया। अधिकारियों का कहना था कि पाकिस्तानी गोलाबारी में सुखविंदर का चेहरा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया इसलिए वे नहीं दिखा सकते थे। ये सुनकर मां की चीख निकल गई लेकिन खुद को संभालते हुए उन्होंने बेटे को सैल्यूट किया और अंतिम विदाई दी।

मां को उनके बेटे की शहादत के बारे में बुधवार की सुबह ही बताया गया था, दोपहर करीब तीन बजे शहीद सुखविंदर सिंह का अंतिम संस्कार गांव के शमशान घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ कराया गया। सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, युवाओं ने हाथ में तिरंगा व शहीद सुखविंदर सिंह की फोटो के पोस्टर पकड़कर अंतिम विदाई दी गई।

शहीद की चिता को मुखाग्नि उनके बड़े भाई गुरपाल सिंह द्वारा दी गई।21 साल के राइफलमैन सुखविंदर के पिता अविनाश सिंह पंजाब राज्य बिजली बोर्ड में एएलएल के पद पर थे और उनकी मौत साल 2007 में हो गई थी। सुखविंदर सिंह साल 2017 में सेना में भर्ती हुए थे और अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के बाद 22 नवंबर को 15 दिन की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटा था लेकिन घरवालों को नहीं पता था कि वो कभी नहीं लौटेगा।

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