अध्यात्म

भूलकर भी भगवान पर नहीं चढ़ाएं खंडित चावल, पूजा करते समय इन बातों का रखें ख्याल

हर धर्म में ईश्वर का ध्यान लगाना जरूरी होता है. हर धर्म में पूजा करने के तरीके अलग-अलग हैं लेकिन सबकी चाहत यही रहती है कि ईश्वर उनके लिए कुछ बेहतर करे. हिंदू धर्म में पूजा-पाठ बहुत ध्यान से किया जाता है जैसे पूजा की थाली में धूप, अक्षत (चावल), रोली, भोग, चंदन, फूल जैसी कई चीजों को सम्मलित किया जाता है जिससे पूजा का सीधे कनेक्शन भगवान तक जा सके. मगर कभी-कभी जाने-अनजाने में पूजा करने वाले कुछ ऐसी चीजों को पूजा में शामिल कर लेते हैं जो नहीं लेना चाहिए. भूलकर भी भगवान पर नहीं चढ़ाएं खंडित चावल, इसके अलावा भी कई बातें होती हैं जो पूजा के दौरान याद रखनी चाहिए.

भूलकर भी भगवान पर नहीं चढ़ाएं खंडित चावल

घर में मंदिर बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है और आज हर घर में एक मंदिर जरूर होता है और इस संबंध में एक मान्यता है कि घर में मंदिर होने से वातावरण सकारात्मकर बना रहता है. मन शांत रहता है और घर में सारी बुरी बलाएं पनप भी नहीं पाती. चलिए बताते हैं पूजा के समय कौन-कौन सी बातें याद रखनी चाहिए.

1. किसी भी प्रकार की पूजा में कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता का ध्यान करके ही पूजा शुरु करनी चाहिए.

2. पूजा करते समय अक्षत के रूप में आप जन चावल का प्रयोग करते हैं ध्यान से देखें वे कहीं से खंडित ना हों. इसके अलावा चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला कर लेना चाहिए. आप पानी में हल्दी घोलकर उसमें चावल को डूबो कर पीला कर सकते हैं.

3. पूजन में पान का पत्ता जरूर अर्पित करें. ध्यान रखने वाली बात ये है कि केवल पान का पत्ता अर्पित ना करें, इसके साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाना चाहिए. पूरा बना हुआ पान अर्पित करेंगे तो भगवान को बहुत पसंद आता है.

4. देवी-देवताओं के सामने घी और तेल दोनों के ही दीपक जलाए जा सकते हैं लेकिन अगर आप आप प्रतिदिन घी का दीपक घर में जलाते हैं तो घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं.

5. पूजा करते समय हम जिस आसन पर बैठते हैं उसे कभी पैरों से नहीं सिरकाना चाहिए. अपने हाथों से ही उसे उठाना या रखना चाहिए वरना पूजा के समय इसका फल नहीं मिल पाता.

6. किसी भी भगवान की पूजा करने में में उनका आवाहन करना, ध्यान करना, आसन देना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, अक्षत, कुमकुम, चंदन, पुष्प, प्रसाद ये सबकुछ शामिल होना जरूरी होता है.

7. देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां अर्पित करने से पहले एक बार सबकुछ साफ पानी से जरूर धुल लें जिससे सबकुछ अच्छे से हो सके.

8. घर में या मंदिर में जब भी कोई खास पूजा हो तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका की पूजा करना जरूरी होता है. विशेष पूजा-पाठ किसी ब्राह्मण की मदद से ही संपन्न करवानी चाहिए क्योंकि ब्राह्मण सही विधि-विधान से पूजा करवाते हैं जिससे आपको इस पूजा का शुभ फल जल्दी मिलता है.

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