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अलका लांबा ने छोड़ा आप का साथ, ट्वीट करके कहा- 2020 में समाप्त हो जाएगा AAP के साथ शुरू हुआ सफर

आम आदमी पार्टी में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है और इस पार्टी की नेता अलका लांबा इन दिनों आप पार्टी से काफी नाराज चल रही हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अलका लांबा ने आप पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कई सारे ट्वीट रविवार को किए हैं और अपने इन ट्वीट के जरिए इन्होंने पार्टी छोड़ने की और इशारा किया है।

साल 2020 में खत्म हो जाएगा सफर

दिल्ली की चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने रविवार सुबह ट्वीट करते हुए कहा है कि साल 2013 में आप के साथ शुरू हुआ मेरा सफर साल 2020 में खत्म हो जाएगा। मेरी शुभकामनाएं इस पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा रहेगीं, उम्मीद करती हूं कि आप दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बना रहे। अपने इस भावुक ट्वीट में अलका लांबा ने आगे कहा कि आप पार्टी के साथ मेरे पिछले 6 साल काफी यादगार रहे हैं और इस पार्टी से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।

हटाया गया था वॉट्सऐप ग्रुप से

अलका लांबा और आप पार्टी के बीच कई महीनों से कुछ भी सही नहीं चल रहा था और शनिवार को आप पार्टी ने अलका लांबा को अपने वॉट्सऐप ग्रुप से भी हटा दिया था। वॉट्सऐप ग्रुप से हटाए जाने के बाद अलका लांबा ने रविवार को ये ट्वीट किए हैं। एक ट्वीट में अलका लांबा ने लिखा, मैं पार्टी के भीतर नहीं हूं, इसलिए पार्टी के बाहर से ही एक शुभचिंतक की तरह सुझाव देती रहूंगी, मानो-ना मानो आप की मर्जी। अगर दिल्ली जीतनी है तो अरविंद जी को दिल्ली पर फोकस करना चाहिए और संविधान के मुताबिक पार्टी कन्वीनर का पद संजय सिंह जी को सौंप देना चाहिए।

इस वजह से हटाया वॉट्सऐप ग्रुप से

अलका लांबा के अनुसार इन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जीत मिलने पर बधाई दी थी और बधाई देने की वजह से इन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया। हालांकि इससे पहले भी अलका लांबा को आम आदमी के वॉट्सऐप ग्रुप से हटाया गया था। क्योंकि उस वक्त इन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न सम्मान को रद्द करने के पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान इन्हें फिर से वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल कर दिया गया था। वहीं लोकसभा चुनाव खत्म होते ही अब फिर से इन्हें वॉट्सऐप ग्रुप से हटाया दिया गया है।

केजरीवाल की निंदा की

वॉट्सऐप ग्रुप से हटाए जाने पर अलका ने पार्टी के मुख्या केजरीवाल की निंदा की है और केजरीवाल से पूछा है कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली हार का जिम्मेदार माना  जा रहा है? उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो बंद कमरों में तमाम फैसले लेते हैं। कभी ग्रुप में जोड़ते हो, कभी निकालते हो, बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते।


आपको बात दें कि अलका लांबा से पहले योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण जैसे कई महान नेता भी आम आदमी पार्टी से अलग हो गए थे और इन सभी नेताओं की भूमिका इस पार्टी को बनाने में रही थी।

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