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मोदी सरकार ने की क्रन्तिकारी पहल, नए बजट सत्र के बाद से नहीं देना होगा शादीशुदा लोगों को इनकम टैक्स!
मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया और बाद में जनता को हो रही परेशानियों से बचाने के लिए पैसे निकालने की सीमा बढ़ा दी। इसके बाद मोदी सरकार ने देश की जनता को एक और तोहफा देने के बारे में विचार किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह तोहफा कुछ और नहीं बल्कि इनकम टैक्स में छूट है। जी हाँ इस बार मोदी सरकार टैक्स में छूट देने पर विचार कर रही है।
अमेरिका में दी जाती है 50 प्रतिशत तक छूट:
अमेरिका में यह नियम है कि अगर पति-पत्नी दोनों साथ-साथ अपना टैक्स जमा करवाते हैं तो उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है, जबकि भारत में ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ अलग-अलग टैक्स जमा करने पर पति-पत्नी को किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाती है।
साथ काम करके बढ़ा रहे हैं देश की जीडीपी:
पिछले कुछ सालों से देश में कमाने वाले परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। वह अपने परिवार के भविष्य को सुधारने के लिए मिलकर काम करते हैं। दोनों साथ-साथ कमा के देश की जीडीपी बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में देश के वित्त मंत्री की यह जिम्मेदारी बनती है कि उन्हें टैक्स में छूट देकर उनका मनोबल ऊँचा करें। इनकम टैक्स में मिलने वाली यह छूट तलाक मिलने के बाद भी मिलनी चाहिए।
ले सकती है मोदी सरकार बड़ा निर्णय:
जब इंदिरागांधी प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने इसके बारे में कहा था कि जब ऊपर वाला खुद ही लोगों की जोड़ियाँ ऊपर से बनाकर भेजता है तो हमें उन्हें धरती पर अलग नहीं करना चाहिए। पति-पत्नी दोनों एक दुसरे के अंग होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस बार मोदी सरकार ने एक बड़ा निर्णय ले सकती है।
ज्यादा टैक्स वसूलने के लिए लगाते थे दोहरा टैक्स:
इस बार के बजट में उम्मीद है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) को ख़त्म करके 8 एल ला सकते हैं। डीडीटी के तहत व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स दोनों पर डिविडेंट देना पड़ता है, जबकि 80 एक के अंतर्गत केवल कॉर्पोरेट टैक्स पर ही डिविडेंट वसूला जाता है। 1996 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उन्होंने ज्यादा टैक्स वसूलने के लिए व्यक्तिगत टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स को मिला दिया था।
सरकार डीडीटी को पूरी तरह से ख़त्म करने की तैयारी में:
आपको बता दें डीडीटी के दायरे में बुजुर्ग और विधवा महिलाओं की पेंसन भी आती है। आप तो जानते ही हैं कि इन लोगों की आमदनी का कोई और जरिया नहीं होता है, फिर भी इनसे एक व्यवसायी की तरह टैक्स वसूला जाता है। पिछले साल मोदी सरकार ने 10 लाख से ज्यादा की आमदनी पर 10 प्रतिशत का टैक्स लगाया था, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। इस बार सरकार डीडीटी को पूरी तरह से ख़त्म करने की तैयारी में है।