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रिक्शा चलाकर पिता ने बेटे को बनाया IAS अधिकारी, कहते थे रिक्शावाले का बेटा कैसे IAS बन सकता है

अगर इंसान के इरादे मजबूत हों तो वो जीवन की हर कठिनाई को पार कर अपने सपनों को पूरा कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही पिता की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने दिन रात मेहनत करके अपने बेटे को एक आईएएस अफसर बनाया है। घर के आर्थिक हालात ठीक ना होने के बावजूद भी इस पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई में कोई भी कमी नहीं रहने दी और उसको आईएएस अफसर बनाकर ही दम लिया। वाराणसी में रहने वाले नारायण एक रिक्शा चालक हैं और इन्होंने रिक्शा चलाकर ही अपने घर के खर्चों को उठाया है और अपने बेटे गोविंद को एक आईएएस अधिकार बनाया है।

नारायण के मुताबिक उनका सपना था कि उनका बेटा गोविंद एक आईएएस अफसर बनें। लेकिन इनकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी को वो अपने बेटे को महंगी ट्यूशन दिलवा सकें। नारायण के अनुसार जब भी वो अपने बेटे को आईएएस अफसर बनाने की बात लोगों से करते थे तो हर कोई उनका मजाक बनाया करता था। लोगों को लगता था कि एक रिक्शा चालक का बेटा कैसे आईएएस अफसर बन सकता है। इतना ही नहीं जब नारायण अपने बेटे को रिक्शे पर स्कूल छोड़ने के लिए जाया करते थे। तो उनके बेटे गोविंद का मजाक उसके दोस्त बनाया करते हैं और गोविंद को रिक्शेवाले का बेटा कहा करते थे। बच्चों और लोगों द्वारा उड़ाए गए मजाक को कभी भी नारायण ने और ना ही गोविंद ने अपने दिल से लगाया और इन्होंने अपना ध्यान केवल अपने सपनों को पूरा करने में लगाए रखा।

किराए के मकान में रहा करते थे

नारायण के कुल चार बच्चे हैं, जिसमें से उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। नारायण के अनुसार उनके आर्थिक हालात पहले काफी सही हुआ करते थे और उनके पास 35 रिक्शे हुआ करते थे। जो कि वो किराए पर दिया करते थे। लेकिन जब उनका बेटा गोविंद सातवीं कक्षा में था, तब उनकी पत्नी को ब्रेन हैमरेज हो गया था।  ब्रेन हैमरेज का इलाज करवाने के लिए नारायण को अपने रिक्शों को बेचना पड़ा और उनकी आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो गई। पत्नी की मौत होने के बाद नारायण पर ही अपने बच्चों की परवरिश और घर का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी आ गई। नारारण ने दिन रात रिक्शा चलाकर बेटियों की शादी करवाने के लिए पैसे जोड़े। साथ में ही अपने बेटे की पढ़ाई के खर्चों को भी उठाया। नारायण की इसी मेहनत की वजह से उनके बेटे को अच्छी शिक्षा हासिल हो सकी और आज वो एक आईएएस अधिकार बन सका है। इस वक्त नारायण के बेटे की पोस्टिंग गोवा राज्य में है।

परिवार में हैं दो अधिकारी

नारायण के बेटे गोविंद की पत्नी चंदना भी एक आईपीएस अधिकारी है और नारायण के घर में एक नहीं दो दो अफसर हो गए हैं। नारायण की बहू चंदना के मुताबिक उन्हें अपने ससुर पर काफी गर्व है। उनके ससुर ने समाज में एक मिसाल पेश की है और ये बात सच्च कर दिखाई है कि अगर सोच सही हो तो सपने एक दिन पूरे जरूर होते हैं,  गरीबी अमीरी की दीवार कभी भी सपनों के बीच नहीं आ सकती है।

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