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अधिकारी बन गरीब माँ का कर्ज चुकाना चाहता था बेटा, माँ ने कहा- कर दो मेरा ये एक काम और फिर..

इंसान की फितरत बहुत ही अलग होती है बहुत से लोग अपने साथ किए हुए अच्छे बर्ताव और त्याग को भूल जाते हैं इनमें दूसरों से लेकर अपने माता-पिता भी शामिल होते हैं. मां-बाप का एहसान कभी कोई नहीं उतार पाया लेकिन इंसान इन बातों को भूलकर अपनी जिंदगी को उस तरह से जीने लगता है जिस तरह से वो जीना चाहता है. व्यक्ति को कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम सभी जो कुछ भी बनते हैं वो अपने माता-पिता के त्याग और समझौते की वजब से बनते हैं. मगर दुनिया का सबसे बड़ा तथ्य ये है कि हम कभी अपनी मां का कर्ज नहीं चुका सकते फिर चाहे इसके बदले हम अपनी सारी कमाई क्यों ना लुटा दें. अधिकारी बन गरीब माँ का कर्ज चुकाना चाहता था बेटा, इसके बाद मां ने ऐसा कहा कि वो रोने लगा.

अधिकारी बन गरीब माँ का कर्ज चुकाना चाहता था बेटा

हम बात एक मां-बेटे की करने जा रहे हैं जिसमें एक गरीब परिवार का बेटा पढ-लिखकर अधिकारी बना, उसके पिता बचपन में ही गुजर गए थे और उसकी मां ने दिन-रात मेहनत करके उसे अधिकारी बना दिया. एक दिन जब बेटा मां के पास उनका कर्ज चुकाने के इरादे से गया तो मां ने उसे बहुत अनोखी बात बताई. मां ने बहुत ही कष्टों के साथ उसे पढ़ाया-लिखाया और सफल बनाया इसके बदले एक दिन जब उसने मां से कहा, ‘मां, आपने जीवनभर मेरे लिए बहुत कुछ किया है तो आज मैं आपका कर्ज चुकाना चाहता हूं.’ तो ये सुनकर मां हैरान हो गई. इसपर हैरान मां ने कहा, ‘नहीं बेटा मुझे अपनी ममता और प्यार के बदले कुछ नहीं चाहिए. अपनी संतान के लिए त्याग करना हर मां का कर्तव्य होता है.’ इसके बाद बेटा बार-बार जिद करने लगा कि वो उनके प्यार, ममता और बलिदान के बदले उन्हें कुछ तो देना चाहता है तो मां ने उसकी जिद मान ली. मां ने कहा कि क्या वो उनके साथ बचपन जैसे सो सकता है. इसपर बेटे ने बस इतना ही कहकर हामी भर दी.

रात हुई और बेटा अपनी मां के पास सोने के लिए आ गया लेकिन उसे नहीं पता था कि मां उसे किस तरह से बताएगी कि मां का कर्ज तो भगवान भी कभी नहीं उतार पाए. जब बेटा अपनी मां के पास सो गया तब मां ने एक बोतल पानी उसकी ओर डाल दिया और फिर सोने का बहाना करने लगी. बेटे ने कुछ तरीके से उस गीली जगह को सुखाना चाहा मगर जब बार-बार उसकी मां यही करने लगी तब वो चिल्लाने लगा.

तब मां ने सिखाई बेटे को एक गहरी बात

बेटे के चिल्लाने से मां मुस्कुराने लगी. बेटे ने कहा, ‘मैं बार-बार उस जगह को सही करने की कोशिश कर रहा हूं और तुम बार-बार उसे गीला कर रही. नहीं सुलाना चाहती तो बोल दो चला जाउंगा.’ इसपर मां ने हंसते हुए कहा मेरे सिर्फ दो तीन बार बोलत के पानी गिराने से तुम्हे इतनी तकलीफ हो रही है तो जरा सोचो तुमने पूरे 3 साल ऐसा किया है तो मैं कितना चिल्लाई हूंगी ?” इसके बाद आंख में आंसू लेकर मां बोली, ‘मां का कर्ज कभी कोई नहीं उतार सकता बेटा…..जिस दर्द से एक मां बेटे को 9 महीने पेट में रखकर अपनी जान हथेली पर रखकर उसे जन्म देती है. इसके अलावा बच्चे उन्हे अपमानित करके उन्हें अंदर तक तोड़ देते हैं.’ मां की इन बातों को सुनकर अधिकारी बेटा रोना लगा और बोला, ‘मां….मैं हमेशा गीले बिस्तर पर सोने को तैयार हूं और हमेशा आपका ध्यान रखूंगा, लेकिन मैं कभी आपका कर्ज नहीं उतार सकता.’

ऐसा कहा जाता है कि मां बच्चे की सबसे पहली गुरू और दोस्त होती है, इसलिए मां को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि जिस समय बच्चा रंग, स्वाद और बहुत सी चीजें नहीं पहचानता उस समय भी वो अपनी मां को देखकर मुस्कुराता है. ये बहुत ही खूबसूरत नजारा होता है एक मां और उसके नवजात बच्चे के प्रति.

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