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“कौन बनेगा करोड़पति” सीजन 10 की पहली करोड़पति बनी बिनीता जैन की कहानी

आजकल के दौर में टीवी पर कुछ भी ड्रामा दिखाया जाता है, कहीं सास-बहूं की खिटपिट चल रही होती है तो कही जादुई नाटक तो कहीं पर इंसान नाग-नागिन बनकर घूमते हैं, मतलब की ऐसी चीजें जिनका दूर-दूर तक सच्चाई से कोई वास्ता नहीं होता है। इन सबके बावजूद भी कभी-कभी टीवी पर कुछ सच्चा और अच्छा दिख जाता है, जिसे देखकर आपको नालेज तो मिलती ही मिलती है लेकिन इसके साथ कुछ ऐसी कहानिंया भी पता चलती हैं जो आपके जीवन को इंस्पायर कर देती हैं।हम बात कर रहे हैं कौन बनेगा करोड़पति की सीजन 10 की पहली करोड़पति बिनीता जैन की।


बिनीता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं हैं वो आज जिस भी मुकाम पर पहुंची हैं उसके पीछे की कहानी जानकर आप भी कुछ देर के लिए सहम जाएंगे।बिनीता असम की रहने वाली और एक घरेलू महिला हैं उनके दो बच्चे हैं।घर खुशहाल चल रहा था लेकिन एक दिन उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा घटा की उनकी पूरी जिंदगी बदल गई।
बात साल 2003 की हैं जब बिनीता के पति घर से काम के लिए निकले थे और फिर वापस नहीं आए, उनके बच्चे बहुत छोटे थे।कई दिनों तक उनके पति को खूब तलाशा गया फिर एक दिन पता चला की उनको आतंकियों ने अगवा कर लिया है।उस दिन के बाद से आजतक उनके पति की कोई खबर नहीं आई।

बहुत दिन इंतजार करने के बाद बिनीता को एहसास हुआ कि परिवार को चलाने के लिए उनको खुद ही कुछ करना होगा और घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. जिम्मेदारियां निभाईं. बच्चे बड़े किए. और फिर 2 अक्टूबर को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के 10वें सीज़न की पहली करोड़पति बन गईं.
कैसे जीती 1 करोड़ का राशि
केबीसी के शूरूआती सवालों का सही जवाब देते हुए बिनीता कई पड़ाव पार कर आई थीं।फिर बिनीता के सामने आया 14वां सवाल, सवाल था कि ,”भारत में 13 जजों की सुप्रीम कोर्ट की सबसे बड़ी संवैधानिक पीठ ने किस केस की सुनवाई की थी?”
बिनीता इस सवाल का सही जवाब देती हैं- केशवानंद भारती केस.
इसी सही जवाब के साथ बिनीता 1 करोड़ रूपए जीत जाती है।15 वां सवाल बिनीता को 7 करोड़ रूपए जितवा सकते थे लेकिन उनके पास कोई लाइफलाइन नहीं थी तो इस तरह में उन्होंने गेम को क्विट करना ही उचित समझा, और 1 करोड़ की राशी के साथ खुश हो गई।

बता दें कि 15 वां सवाल था कि 1867 में पहले स्टॉक टिकर की खोज किसने की थी? गेम को क्विट करने के बाद बिनीता ने इसका जवाब दिया कि ये खोज एडवर्ड केलहन ने की थी जो कि बिल्कुल सही जवाब था लेकिन बिनीता ने रिस्क ना लेते हुए गेम को क्विट करने का फैसला लिया।
क्या था वो केशवानंद भारती केस?


ये केस आजाद भारत के सबसे अहम मामलों में गिना जाता है. सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल था कि संसद के पास संविधान में संशोधन करने की जो ताकत है, क्या वो ताकत असीमित है? क्या संसद चाहे तो संविधान की किसी भी बात में बदलाव कर सकती है? क्या संसद चाहे तो बुनियादी अधिकार जैसे संविधान के मौलिक वादे में भी संशोधन कर सकती है? बहुत लंबी बहस चली. फिर 24 अप्रैल, 1973 को सुप्रीम कोर्ट के 13 जजों की बेंच ने ये ऐतिहासिक फैसला दिया. कहा, संसद चाहे तो संविधान के किसी भी हिस्से में संशोधन कर सकती है. बशर्ते कि वो संशोधन संविधान की बुनियादी बातों और उसके सबसे जरूरी तत्वों के खिलाफ न हो. माना जाता है कि कोर्ट के इस फैसले ने भारत के लोकतंत्र की आत्मा बचाई.
जीती हुई राशि का क्या करेंगी
बता दें कि बिनीता को केबीसी में आने से पहले उनके बच्चे उनकी प्रैक्टिस कराते थे। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट का अभ्यास करवाते थे।क्योंकि हॉट सीट पर पहुंचना ही बहुत बड़ा टॉस्क है।बिनीता ने एक इंटरव्यू में बताया कि वो इन रूपयों से अपने बेटे के डेंटल क्लीनिक के सेटअप में खर्च करेंगी इसी के साथ वो एक कोचिंग इंसटीट्यूट भी खोलेंगी जहां पर वो बच्चों को पढाएंगी।

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