अध्यात्म

विश्वकर्मा पूजा : काम में बरकत और तरक्की चाहिए तो करिए विश्वकर्मा की पूजा

दुनिया में 70 प्रतिशत लोग बिजनेस करते हैं और वे लोग ही इतने सारों को नौकरी पर रखते हैं. नौकरी में तरक्की तभी होती है जब कोई बिजनेस में तरक्की करता है. भारत त्यौहारों का देश है और यहां हर चीज से जुड़ी बातों का कोई ना कोई मतलब और उससे जुड़े त्यैहार होते रहते हैं. भारत के सभी त्यौहारों में पूजा पाठ होता है और सुख-शांति के लिए विशेष पूजा भी की जाती है. 17 सितंबर को विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है ये एक ऐसी पूजा होती है जिसमें लोग अपने काम में सफलता पाने के लिए काम करते हैं. अगर आप भी काम में तरक्की चाहते हैं तो विश्वकर्मा दिवस के दिन इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए. इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा में मशीनों और कारखानों में बड़ी-बड़ी मशीनों की पूजा की जाती है. इस दिन किसी भी तरह की मशीन, गाड़ी, औजार, कंप्यूटर जैसे लोहे के यंत्रों की पूजा की जाती है. काम में बरकत और तरक्की चाहिए तो करिए इनकी भगवान की पूजा, हर तरह से आपके काम में होगी बरकत.

काम में बरकत और तरक्की चाहिए तो करिए विश्वकर्मा की पूजा

हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निर्माणों का देवता माना जाता है पुरानी मान्यताएं हैं कि विश्वकर्मा ने देवी देवताओं के लिए बहुत से भव्य महल, आलीशान भवन, हथियारों और सिंहासनों का निर्माण किया था. ऐसी भी मान्यता है कि एक बार असुरों से परेशान देवताओं की गुहार पर विश्वकर्मा ने महर्षि दधीचि की हड्डियों से देवताओं के राजा इंद्र के लिए वज्र बना दिया था. ये वज्र इतना प्रभावशालि था कि असुरों का सर्वनाश हो गया था, इसलिए सभी देवताओं में भगवान विश्वकर्मा को ही इस पूजा के लिए विशेष स्थान दिया गया. विश्वकर्मा की पूजा कारखानों के अलावा घरों और दफ्तरों में किया जाता है. इस दिन विश्वकर्मा की मूर्तियों को सजाया जाता है और उनकी पूजा अर्चना की जाती है. घरों पर लोग अपनी गाड़ियों, लैपटॉप और दूसरी उन चीजों की पूजा करते हैं जिन चीजों से वे अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत रखते हैं. जिससे लोगों को तरक्की और बरकत मिलती है.

विश्वकर्मा दिवस को लेकर हिंदू धर्म में बहुत सी अलग-अलग मान्यताएं हैं. कुछ पंडितों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि में हुआ, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि भाद्रपद की अंतिम तिथि को विश्वकर्मा की पूजा करना शुभ होता है. इसलिए विश्वकर्मा पूजा को सूर्य के पारगमन के आधार पर तय किया जाता है और इसलिए ही हर साल सितंबर की 17 तारीख को विश्वकर्मा जयंती के रूप में तय की गयी और इसी दिन ये त्यौहार मनाया जाता है.

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