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चीन का प्रस्ताव, कहा भारत-पाकिस्तान के सम्बंध सुधारने में करेगा दोनो की मदद

यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि भारत-पाकिस्तान दोनो पड़ोसी होने के साथ ही कट्टर दुश्मन भी हैं। भारत ने कई बार पाकिस्तान से दोस्ती करने की कोशिश की, लेकिन हर बार पाकिस्तान की तरफ़ से दोस्ती के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। अब जब पाकिस्तान की सत्ता पर इमरान खान क़ाबिज़ हो गए हैं तो उन्होंने अपने पहले ही भाषण में कहा कि बिना पड़ोसी देश भारत से सम्बंध सुधारे पाकिस्तान का विकास नहीं हो सकता है। इमरान खान के भाषण से यह लग रहा है कि अब दोनो देशों के बीच एक बार फिर से रिश्ता सुधर सकता है।

पाकिस्तान के साथ ही चीन की भारत पर हमेशा बुरी नज़र रही है। चीन भी भारत के कई हिस्सों पर ज़बरदस्ती अपना क़ब्ज़ा ज़माने की फ़िराक़ में रहता है। हालाँकि चीन अपनी इस कोशिशों में नाकाम भी हो जाता है। कुछ समय पहले भारत और चीन के रिश्ते डोकलाम विवाद की वजह से काफ़ी ख़राब हो गए थे। लेकिन अब चीन के संकेत दिया है कि वह भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहता है। चीन शायद समझ चुका है कि पाकिस्तान की तरह ही उसका भी विकास बिना भारत की मदद के सम्भव नहीं है।

सम्बंध सुधारने के लिए निभाना चाहता है रचनात्मक भूमिका:

भारत की विदेश यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री ने दोनो देशों के बीच सम्बंध सुधारने की बात कही है। इसके साथ ही इमरान खान और प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी की सकारात्मक टिप्पणियों का स्वागत करते हुए चीन ने कहा है कि वह दोनो देशों में सम्बंध सुधार के लिए रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बुधवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों में सुधार क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बहुत ज़रूरी है।

दोनो ही देश हैं दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण:

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने शांति प्रक्रिया को लेकर जो बयान दिए हैं, हम उसका स्वागत करते हैं। दोनो ही देश भारत और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। भारत और पाकिस्तान दोनो का पड़ोसी होने के नाते चीन उनके बीच के मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू करने का समर्थन करता है। हम उम्मीद करते हैं कि दोनो देश क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध बने रहेंगे। चीन दोनो ही देशों के रिश्ते में सकारात्मक भूमिका निभाना चाहता है।

जब लू कांग से पूछा गया कि सकारात्मक भूमिका से उनका मतलब महीन भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करना तो नहीं है, इसके जवाब में लू कांग ने कहा कि यह पहले से तय नहीं है कि चीन किस तरह से काम करेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 20 अगस्त को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली, इस्लामाबाद के साथ सकारात्मक और सार्थक सम्बंध के पक्ष में है। पीएम मोदी के पत्र के जवाब में इमरान खान ने भी मंगलवार को ट्वीट किया कि उनका देश फिर से शांति प्रक्रिया शुरू करना चाहता है।

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