राजनीति

हर कोई बच्चे के साथ खिंचवा रहा है सेल्फी, वजह जान कर रह जाएंगे दंग

देवास(एम पी): भारत सरकार की लापरवाही से आए दिन कोई ना कोई मासूम रोड पर मौजूद बोरेवेल का शिकार होते चले आ रहे हैं. ऐसे में हाल ही में इस घटना का शिकार होने वाले देवास जिले के रोशन को 35 घंटों की लगातार मेहनत के बाद  बोरवेल से जिंदा निकाल लिया गया. फिलहाल रोशन अस्पताल में भर्ती है और पहले से काफी बेहतर भी. वहीँ मासूम द्वारा जीती गई इस जिंदगी की जंग को सभी सराह रहे हैं. बीते सोमवार को रोशन को देखने के लिए सेंकडों लोगों की भीड़ लग गई. वहीँ उनमे से काफी लोगों ने रोशन को उसको पसंदीदा ट्रेक्टर और अन्य खिलोने तोहफे में दिए. जिनके साथ खेलता हुआ रोशन दिन भर मुस्कुराता रहा.  रोशन की मुस्कान को देखने वहां काफी लोग पहुंचे जिनमे से बहुत से लोगों ने उसके साथ सेल्फी भी खींची.

माँ ने उतारी नज़र 

बीते सोमवार को खातेगांव अस्पताल में रोशन को देखने के लिए 400 से अधिक लोग पहुंचे. इतने लोगों को भीड़ को देख कर रोशन की माँ ने उसको काजल लगा कर नजर उतारी ताकि रोशन की खुशियों को किसी की नजर ना लग जाए.वहीं दूसरी और मां ने बताया कि घटनाक्रम वाले दिन वह खेत में चने भी नहीं गई थी. उसके साथ रोशन और तीन चार अन्य महिलाएं भी थी. रोशन की मां ने बताया कि उसके पिता किसी दूसरी जगह मजदूरी पर गए हुए थे इसलिए उसने रोशन को बच्चों के साथ खेलने के लिए पेड़ के नीचे छोड़ा था परंतु खेलते-खेलते रोशन गड्ढे में गिर गया.

जब मां को इस बात की भनक लगी तो उसने बाकी महिलाओं के साथ मिलकर पास पड़ी रस्सी गड्ढे में डाली और अंदर पहुंचने की कोशिश की मगर असफल रही. इसके बाद उसने रोशन के पापा को गांव में बुलाकर जानकारी दी. करीब 12:00 बजे के बाद सरकारी कर्मचारी भी वहां पहुंच गए.

बोरवेल से निकलने के बाद मां को देखता रहा रोशन

पूरा दिन बीतने के बाद भी रोशन बाहर नहीं निकला तो उसकी मां काफी डर गई. वहां मौजूद लोगों की भीड़ ने रोशन के लिए मन्नतें मांगनी शुरू कर दी. मां ने बताया कि उसको पूरा विश्वास था कि उसका बेटा गड्ढे से सही सलामत वापस लौट आएगा. जब रोशन को बोरवेल से बाहर निकाला गया तो वह रो रहा था और एकटक मां को देख रहा था. वहीं खातेगांव के एसडीएम ने रोशन की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का फैसला लिया है.

बचाने में लगे 8 लाख रुपए

लगातार 35 घंटों की कोशिश के बाद आखिरकार रोशन सही सलामत वापस बाहर आ गया. एक रिपोर्ट के अनुसार इस जद्दोजहद में समाजसेवकों, भारत सरकार और जनप्रतिनिधियों के करीब 8 लाख रुपए खर्च हो गए. JCB और पोकलेन ने फिलहाल किसी भी तरह का कोई बिल पेश नहीं किया है. आपको हम बता दें कि पोकलेन प्रतिघंटे ₹25000 और जे सी बी ₹800 के रेट से उपलब्ध होती है.

आपको बता दें कि भारत में रोशन जैसे कईं मासूम आए दिन सरकार की लापरवाही के हत्थे चढ़ जाते हैं. इनमे से अधिकतर बच्चे भारी भरकम कोशिशों के बाद भी दम तोड़ देते हैं.

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