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बिहार के इस अस्पताल में हेलमेट पहनकर काम करते हैं कर्मचारी, वजह है हैरान करने करने वाला

चिकित्सा मानव कल्याणकारी सेवा माना जाता है और अस्पताल में लोग सेहत और बेहतर जीवन की उम्मीद लेकर आते हैं पर आजकल पैसे कमाने की होड़ में अस्पताल प्रबंधन मानवता भूलकर व्यापार करने में लगा है.. ऐसे में आए दिन अस्पतालों में हो रहे लापरवाही के मामले उजागर होते रहते हैं और इनके कारण कई लोग अपनी जान गवां रहे हैं । ताजा मामला बिहार का है जहां एक अस्पताल तो लोगो के जीवन के लिए ही काल बन गया है।जी हां,बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी खस्ताहाल हो चली है कि यहां के एक अस्पताल में हर पल लोगों के सिर पर मौत का साया मड़रा रहा है.. ऐसे में यहां के कर्मचारियों को अपनी जान बचाने के लिए हेलमेट पहनकर काम करना पड़ रहा है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस मामले के बारे में..

कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है और इस अस्पताल की तस्वीर भी कुछ ऐसा ही बयां कर रही हैं.. जहां आप देख सकते हैं कि अस्पताल के अंदर बैठे कर्मचारी हेलमेट पहन हुए हैं।दरअसल ये मामला बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा रेफरल अस्पताल का है जहां अस्पताल की इमारत इतनी जर्जर हो गई है कि उसकी छत जगज-जगह से गिर रही है… ऐसे में यहां हर समय जानमाल का खतरा बना रहता है .. इससे यहां आने वाले मरीजों को तो दिक्कतों का सामना करना ही पड़ रहा है.. साथ ही यहां काम करनेवाले डॉक्टर और कर्मचारी भी इससे परेशान हैं.. यहां तक कि आलम ये है कि यहां काम करने वाले कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए हर वक्त हेलमेट पहनकर काम करने को मजबूर हैं।

सिर पर मड़रा रहा है मौत का साया

आमतौर पर उचित देखरेख के अभाव में सरकारी इमारतों की हाल बेहाल ही रहता है पर बिहार के इस अस्पताल की इमारत तो इतनी जीर्ण हो गई है कि हर समय उसके गिरने का डर बना रहता है। ऐसे में इसकी जर्जर और बेहद खस्ताहाल हाल को देखते हुए यहां के चिकित्सकों ने अस्पताल के प्रसुता वॉर्ड को अपने आवास में शिफ्ट करने का फैसला किया है। अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक यहां लगभग हर रोज जान पर बात आ बनती है .. अभी आए दिन कुछ ही दिनों पहले ही यहां कि छत गिरी थी, जिसमें सभी लोगों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था।

कर्मचारियों का कहना है कि इस गम्भीर समस्या को लेकर वे कई बार बड़े अधिकारियों को सूचित कर चुके हैं पर अभी तक इस दिशा में कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है। जबकि बरबीघा रेफरल अस्पताल में हर रोज सैकड़094B की संख्या में लोग इलाज कराने आते हैं।

प्रसुता वॉर्ड को चिकित्सक आवास में किया गया शिफ्ट

गौरतलब है कि इस रेफरल अस्पताल के जर्जर हो चुकी है इमारत को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों ने अपने तरफ से कुछ कदम लिए हैं जैसे कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्पताल के बेहद संवेदनशील एरिया यानि प्रसूता वार्ड को चिकित्सक आवास में शिफ्ट किया है ताकि जच्चा और बच्चा दोनो सुरक्षित रह सकें।

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