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‘नोटबंदी’ के बाद अब ‘सिक्काबंदी’ करेगी मोदी सरकार, लोगों के सामने खड़ी हुई नई मुसीबत, पढ़ें

कोलकाता/मुंबई – रिपोर्ट के मुताबिक चार सरकारी छापाखानों ने बाजार में सिक्के की अधिकता तथा भंडारण के लिए जगह की कमी बताते हुए सिक्कों का उत्पादन बंद कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद स्थित छापाखानों में सिक्कों के उत्पादन का काम बंद कर दिया गया है। इस मामले में छापाखानों का संचालन करने वाली सार्वजनिक कंपनी सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने आधिकारक सूचना देते हुए इस बात की पुष्टी भी कि है। लेकिन, अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार नोटबंदी के बाद सिक्काबंदी करने जा रही है।

इन दिनों इस बात पर चर्चा कि जा रही है कि मोदी सरकार नोटबंदी के बाद सिक्काबंदी करने की तैयारी कर रही है और सिक्कों का उत्पादन रोकना इस दिशा में पहले कदम है। इसके बारे में जानकारी देते हुए लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि आरबीआई ने कहा है कि उसे जनता और कुछ संगठनों की ओर से शिकायतें मिली हैं कि कुछ बैंक और दुकानदार सिक्के स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसलिए फिलहाल आरबीआई ने बैंकों से इस बारे में बातचीत होने तक सिक्को का उत्पादन रोक दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार अब दस के सिक्कों की छपाई बंद करने के बाद एक दो और पांच के सिक्कों की छपाई भी बंद करने जा रही है। इस बात की पुष्टी कोलकाता, मुंबई, नोएडा और हैदराबाद में चार सरकारी टकसालों में सिक्के बनाने का काम रोके जाने से हो रही है। गौरतलब है कि नवंबर 2016 में पांच सौ और एक हजार रुपए की नोटबंदी के बाद बाजार में सिक्के अधिक मात्रा में आ गए हैं और ग्राहक व दुकानदार सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है।

आपको बता दें कि सिक्कों को दुकानदार भी नहीं ले रहे हैं और बैंक भी सिक्के जमा करने से इंकार कर रहे हैं। आलम ये है कि भिखारी भी एक रुपए के सिक्के नहीं ले रहे हैं। गौरतलब है कि करीब एक साल पहले जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी का फैसला किया था तो सभी के मन में बस यही सवाल था की इससे क्या होगा और सरकार इसके जरिए करना क्या चाहती है। लेकिन, आज एक साल बाद अब सभी को नोटबंदी के फायदे धीरे धीरे ही सही देखने को मिल रहे हैं। अब एक बार फिर से सरकार मार्केट से सिक्कों को वापस लेने का फैसला करने जा रही है। इस बात की पुष्टी सिक्कों की अचानक छपाई रोकने से लगाई जा रही है।

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