अध्यात्म

लड्डू गोपाल की पूजा से प्राप्त होता है वैकुण्ठ का सुख, जानिए क्या हैं उनकी पूजा का नियम

हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा का बड़ा महत्व होता है। वैसे तो हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं लेकिन कुछ ही देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु का रूप माना जाता है। हिन्दू धर्म में इनकी पूजा बहुत अहम होती है। किसी भी शुभ अवसर पर हर हिन्दू के घर में भगवान सत्यनारायण की कथा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के सभी रूपों को हिन्दू धर्म में पूजा जाता है लेकिन उनके बाल रूप का महत्व ही कुछ अलग है।

भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को लड्डू गोपाल के नाम से भी जाना जाता है। भगवान के बाल रूप की पूजा हर घर में की जाती है। लगभग हर हिन्दू के घर में बालगोपाल, लड्डू गोपाल की मूर्ति या चित्र रखा होता है। आमतौर पर लोग सभी देवी-देवताओं की पूजा एक ही तरह से करते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार हर देवी-देवता की पूजा के अलग-अलग नियम होते हैं। अगर नियमों के अनुसार भगवान की पूजा की जाती है तो उसका फल ज्यादा मिलता है।

ठीक उसी तरह भगवान लड्डू गोपाल की पूजा के भी कुछ ख़ास नियम हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति उन नियमों के हिसाब से लड्डू गोपाल की पूजा नहीं करता है तो उसका उल्टा असर हो जाता है। भगवान लड्डू गोपाल की नियनों से पूजा करने पर श्रीकृष्ण प्रसन्न होकर व्यक्ति को वैकुण्ठ के सुख का आशीर्वाद देते हैं। घर में सुख-शांति बनी रहती है। आज हम आपको भगवान लड्डू गोपाल की पूजा के कुछ ख़ास नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।

लड्डू गोपाल की पूजा के नियम:

*- जब भी लड्डू गोपाल की पूजा करने जाएँ सबसे पहले उन्हें स्नान करवायें। भगवान को स्नान करवाने के बाद सफ़ेद सरसों या तिल को घी में मिलाकर उबटन के रूप में इस्तेमाल करें।

*- साफ़ कपड़े से पोछने के बाद साफ़ वस्त्र पहनाएं। इसके उपरांत उनका आभूषणों से श्रृंगार करें।

*- तत्पश्चात ताजा फूल उनके पैरों से चढ़ाना शुरू करें और शरीर के हर अंग पर फूल चढ़ाएँ।

*- लड्डू गोपाल का फूलों से श्रृंगार करने के बाद उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें भोग लगायें।

*- भगवान की पूजा में धूप का इस्तेमाल करना बिलकुल भी ना भूलें।

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