राजनीति

मां, पत्नी और कुलभूषण जाधव के साथ पाकिस्तान की बड़ी नाइंसाफी.. तस्वीरों से खुली पोल

25 दिसम्बर का दिन वास्तव में किसी के लिए बड़ा दिन साबित हुआ तो वो जासूसी के झूठे आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद, कुलभूषण जाधव और उनके परिवार के लिए। क्रिसमस के मौके कुलभूषण जाधव पर अपनी मां और पत्नी से मिले.. उनकी मुलाकात 21 महीनों की वो तपस्या थी जिसे हर पल हर घड़ी, उन्होंने संजोए रखा, जिसका इंतजार हिंदुस्तान की पूरी आवाम को था, लेकिन जब ये मुलाकात हुई तो मां बेटे के बीच कुछ अधूरा रह गया.. न मां अपने बेटे को छू सकती थी और न बेटा मां को गले लगा सकता था, क्योंकि इनके बीच थी शीशे की दीवार।

30 मिनट की इस मुलाकात के लिए कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी सोमवार को इस्लामाबाद पहुंचीं। मीडिया और सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी अन्य ट्रैफिक को इस इलाके पर जाने पर पाबंदी लगाई हुई थी। जब जाधव की मां विदेश मंत्रालय विदेश मंत्रालय पहुंची तो उन्हें मीडिया ने घेर लिया। सवालों की झड़ी लगने लगी। लेकिन मां को बस बेटे से मिलना था, नमस्कार कर आगे बढ़ गई। जिसके बाद करीब सवा दो बजे कड़ी सुरक्षा और जांच से गुजरने के बाद 30 मिनट की वो अमूल्य घड़ी आई।जब लंबे इंतजार के बाद एक मां अपने बेटे से मिली, एक पत्नी अपने पति से मिली, मुलाकात की ये घड़ी छोटी थी। लेकिन मां और पत्नी उस वक्त सन्न रह गईं। जब ये मुलाकात के दौरान उनके बीच एक शीशा लगा दिया गया।हालांकि  इंटरकॉम में बातचीत हुई, पर वो भी स्पीकर आउट करके।

मुलाकात के दौरन सभी की निगाहें उस कमरे पर थी। जिसे मुलाकात के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया था। मुलाकात हुई लेकिन बीच एक फांसला था। एक मां अपने बेटे को पत्नी अपने पति को देख तो सकती थी, लेकिन शीशे की मोटी दीवार रूकावट बनी हुई थी। सिर्फ इंटरकॉम फोन ही वो जरिया था, जिससे पहले जाधव ने अपनी मां से बातचीत की। फिर अपनी पत्नी से बात की। करीब 30 मिनट तक चली इस बातचीत में क्या कहा, क्या नहीं कहा ये सिर्फ जाधव, उसकी मां और पत्नी जानते हैं, लेकिन इस दौरान जो आंसू बहे जो तड़प दिखी वो एक एक दृश्य जो किसी का भी दिल पिघला सकता है। वो कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे ने खुद में समा गए। नीले रंग का कोट पहने जाधव ने सबसे पहले अपनी मां से क्या कहा होगा… क्या पूछा होगा उस पत्नी ने जो हर रोज अपने पति का घर आने का इंतजार करती है… किसी को नहीं मामूल… ये 30 मिनट की वो मुलाकात है… जिसके लिए पाकिस्तान बहुत मिन्नतों के बाद माना…. लेकिन जब ये मुलाकात हुई तो जाधव की मां अपने बेटे के लिए कुछ ना ले जा सकी। वो हाथ से उसको एक निवाला तक ना खिला पाई, क्योंकि पाकिस्तान ने कुछ भी सामान नहीं ले जाने की इजाजत दी थी।

कुलभूषण जाधव से उनके परिवार की मुलाकात का मौका देकर पाकिस्तान जहां अपनी वाह-वाही करा रहा हैं.. वहां कि मीडिया इस मुलाकात की तस्वीरें और वीडियों जारी कर अपने मुल्क और उसके हुक्मरानों की दरियादिली का बखान करने में लगी हैं पर वास्तव में इसके पीछे की सच्चाई तो कुछ और ही नजर आ रही है। दरअसल इस मुलाकात की जो तस्वीरें जारी हुई हैं उसमें कुलभूषण नीले रंग का कोट पहने नजर आ रहे हैं.. उन तस्वीरों को अगर ध्यान से देखें तो उनके गले और कान पर कुछ गहरे निशान दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान अपनी वाहियात हरकतों से बाज नही आ रहा और कुलभूषण पर टार्चर कर रहा है। भारत के निर्दोष नागरिक को पकड़कर और उसे यातनाएं दे पाकिस्तान अपनी घटिया सोच जाहिर कर रहा है..  इस तस्वीर को देख देश की आवाम में एक बार से फिर से पाकिस्तान के नापाक इरादों के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है । सोशल मीडिया पर इसकी खूब निंदा हो रही है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को जासूसी के झूठे आरोप में तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था जबकि ये बात पाकिस्तान भी जानता है कि जाधव बेकसूर है.. उसने जाधव को झूठे आरोप में फंसाया है।

 

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