स्वास्थ्य

अगर आपकी आँख फड़फड़ा रही है तो समझ लीजिये आपका बुरा समय करीब है, जानिए कैसे

भारत अंधविश्वासों से भरा हुआ देश है. जहां छोटी सी छोटी घटना को शगुन-अपशगुन से जोड़ दिया जाता है. कभी शीशे का टूट जाना तो कभी बिल्ली का रास्ता काट देना. सदियों से चले आ रहे इस मिथ्यावादी परंपराओं को लोग बन्द आंखों से स्वीकार लेते हैं. कुछ ऐसा ही सोचा जाता है जब इंसान की आंखे बार-बार फड़फड़ाने लगे. कुछ लोगो का कहना है कि अगर बायीं आँख फड़फड़ाने लगे तो पक्का कुछ अनहोनी होने वाला है. ये बाते किस हद तक सच हैं? आंखों के फड़फड़ाने का क्या रिश्ता हो सकता है हमारी जिंदगी से, जानेंगे इस पूरे आर्टिकल में…

शारीरिक तनाव और मांसपेशियों में खिंचाव

कभी-कभी आंखों के फड़फड़ाने की वजह होती है हमारे मांसपेशियों का दर्द. इस दौरान हमारे मांशल हिस्सो में अजीब सा खिंचाव होता है जिससे आंखों की पुतलियां फड़फड़ाने लगी है. ऐसे समय मे अंधविश्वासों में पड़ने की बजाय आराम करें क्यूंकि ये आपकी जीवन मे कोई बड़ी समस्या नही लाने वाला. लोग मिथ्या में फंसकर ओझा-गुणियों के पास पहुँच जाते हैं.

नींद की कमी बन जाता है जानलेवा

आंखे फड़फड़ाने की शिकायत नींद की कमी के वजह से होती है. अगर पिछली रात नींद पूरी नही हो तो सुबह ऐसा आंखों का फड़फड़ाना साधारण सी बात है. पर ऐसी हालत में कभी गाड़ी नही चलाना चाहिए क्योंकि अचानक से आंखे फड़फड़ाने की वजह से दुर्घटना की शंका बढ़ जाती है.

आंखे शुष्क हो जाना

आंखों के फड़फड़ाने का एक वजह ये भी है. जब हमारी आंखों में नमी की कमी हो जाती है तो ऐसे विलक्षण आकर हमे मुसीबतों से आगाह करती है. ऐसा अत्यधिक फ़ोन और लैपटॉप यूज करने के कारण होता है. इसलिए गजट यूज करते टाइम पलकें झपकाया करें, ज्यादा देर लगातार स्क्रीन को देखते रहना खतरनाक होता है. ऐसे में मुँह धो कर फ्रेश हो जाएं.

शारीरिक कमजोरी भी बन सकती है वजह

कुछ लोग शारीरिक रूप से अत्यधिक कमजोर होते हैं जिस वजह है घंटे दो घंटे बाद उन्हें चक्कर आते हैं. ऐसी हालत में आंख फड़कना मामूली सी बात है. विटामिन की कमी होने पर ये घटना निरंतर होते रहता है. इसके निराकरण के लिए बैलेंस्ड डाइट की जरूरत है. ये प्रॉब्लम जेनेटिक भी हो सकता है क्योंकि माता-पिता को हुए बीमारियों का दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है.

ये उपाय अपनाकर पाएं निजात :-

– आंखे फड़फड़ाने पर कुछ देर लगातार पलकें झपकाते रहें. ऐसा करने से फड़फड़ाना बन्द हो जाएगा. कभी कभी आंखों की पुतलियां फंस जाने की वजह से भी ऐसा होता है.
– आकश्मिक राहत पाने के लिए आंखों का मसाज करें एवं ध्यान रखें कि तेल ठंडा न हो.क्योंंकि सर्दी के मौसम मेंं भी ये लक्षण देखे जाते हैं.


-इस समस्या से तुरंत निजात पाने के लिए हाइड्रोथिरेपी फायदेमंद होता है. इस क्रिया में हल्के गुनगुने पानी से आंखों को धोते हैं. करीब 15 मिनट तक आखो को इसी हालात में छोड़ देते हैं.
– कॉटन के कपड़ा भिगाकर आंखों पर पट्टी बांध लें. अगर ऐसा एक सप्ताह से अधिक होता है तो चिकित्सक को दिखाने की जरूरत है. यह समस्या बड़ा रूप लेकर आंखों को भी शक्ति पहुँचा सकता है.

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